हरियाणा।हरियाणा के होम सेक्रेटरी रामनिवास ने भी माना कि सरकार के लिए सबसे बड़ा चैलेंज रामरहीम को उसके सिरसा स्थित 700 एकड़ में फैले में डेरे से बाहर निकालना था.
गुरमीत राम रहीम को आने वाले फैसले का अंदाजा था और वह अपने डेरे से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं था. ऐसी स्थिति में प्रशासन के पास सिर्फ ओर सिर्फ दो विकल्प थे, जिसमें पहला था बल प्रयोग। अगर यह ऑप्शन आजमाया जाता तो निश्चित तौर पर बहुत बड़ी जन हानि होती, क्योंकि पांच से छह लाख समर्थक मौजूद थे और आगे महिला और बच्चों को रखा गया था। अगर पुलिस या सेना प्रवेश करती तो निश्चित तौर पर हथियारों से लैस गुंडे महिला व बच्चों को आगे रखकर पुलिस व आर्मी पर हमला करते और जाने कितने मासूम भोले लोग महिला व बच्चों के साथ मारे जाते।
ऐसी स्थिति में हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन ने एक कूटनीतिक फैसला लिया कि राम रहीम को विश्वास में लेकर उसे अपनी किलेबंदी से बाहर निकाला जाए और सीबीआई कोर्ट में जहां पर पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेज ने किलेबंदी कर रखी है, उसमें लाकर फँसा लिया जाए। चाहे उसके लिए उन्हें बदनामी का खतरा क्यों न मोल लेना पड़े। क्योंकि उनकी बदनामी से कीमती लाखों समर्थकों की जान है और यह साहसिक फैसला मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर लिया।
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने बार-बार बाबा से गुहार लगाई कि उनके साथ कुछ खास नहीं किया जाएगा। डेरा समर्थकों को पंचकूला शहर आने दिया गया. देर रात तक उन पर ज्यादा कार्यवाही नहीं की गई, सिर्फ खतरनाक हथियारों की जब्ती के सिवा ताकि रामरहीम जो सारी कार्रवाई टीवी पर देख रहा था, को विश्वास हो जाए कि प्रशासन उस कर सख्ती नहीं बरतने वाला है.
यही विश्वास दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने अपना विश्वासपात्र निजी सचिव को सुबह राम रहीम से मिलने भेज दिया
और जैसे ही गुरमीत ने बाहर निकलने की इच्छा जताई. हरियाणा सरकार ने उन्हें पंचकूला की ओर अपने काफिले के साथ बढ़ने दिया और पंचकूला में घुसते ही धीरे धीरे उसके काफिले को कम करते गए और अंत में केवल उसकी मुंह बोली बेटी और छह सुरक्षा गार्डों के साथ पुलिस के चक्रव्यूह में घुसने दिया और चक्रव्यू में घुसते ही उसके सुरक्षा गार्डों को पहले समझाइश से अलग करने की कोशिश की, परंतु वह हिंसक हुए,तो बल प्रयोग से उन्हें काबू में कर लिया गया । अब राम रहीम के पास कोई विकल्प नहीं बचा था सिर्फ प्रशासन की बात को मानने के सिवा।
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हरियाणा पुलिस के 6 जवानों पर देशद्रोह का केस
बाबा रामरहीम को जैसे ही कोर्ट ने दोषी करार दिया प्रशासन ने तुरंत उन्हें आर्मी के वेस्टर्न कमांड के हेड क्वार्टर की ओर भेज दिया ताकि पैरामिलिट्री आर्मी के चलते बाबा कहीं भाग ना सके. यह खबर पहले ही आ गई थी कि बाबा भागने की कोशिश कर सकते हैं और ऐसी कोशिश हुई भी. इसी के चलते अब हरियाणा पुलिस के 6 जवानों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो गया है.
इतना नहीं प्रशासन ने एक मेक शिफ्ट हवाई पट्टी भी बनाई ताकि लोगों को यह धोखा दिया जा सके कि रामरहीम को यही से रोहतक भेजा जाएगा. जैसे ही बाबा को दोषी करार दिया, पैरामिलिट्री फोर्स ने रामरहीम को तुरंत पंचकूला सेशन कोर्ट से आर्मी बेस में स्थित हवाई पट्टी पर खड़े हेलीकॉप्टर पर बिठाकर रोहतक रवाना कर दिया.
गुरप्रीत के बाद हनीप्रीत करेगी डेरे की अगुवाई
अधिकारियों का कहना कि रामरहीम के साथ हनीप्रीत को इसलिए भेजा गया क्योंकि रामरहीम के बाद वही डेरे की अगुवाई करने वाली है. प्रशासन नहीं चाहता था कि हनीप्रीत कौर डेरा समर्थकों के सामने आए और समर्थकों को संबोधित करे. इसी के चलते हनीप्रीत को रोहतक जेल के गेस्ट हाउस तक ले जाया गया.
गेस्ट हाउस में जैसे ही रामरहीम को रखा गया, उसके तुरंत बाद ही जेल अधिकारियों ने आकर सबसे पहले हनीप्रीत को वहां से हटाया और उसके बाद गुरप्रीत को रोहतक की सुनहरी जेल में स्थित उनके सेल में ले गए.
आज जैसे ही दोषी करार होने की सजा सूचना बाहर आई और समर्थकों ने उपद्रव शुरू किया तो पहले से तैयार सुरक्षाबलों ने तुरंत कार्यवाही करते हुए एक से डेढ़ घंटे के भीतर स्थिति पर पूरी तरह काबू पा लिया और इस कार्यवाही में 28 लोगों की जानें गई जो तुलनात्मक रुप से बहुत कम है। यदि राम रहीम को डेरे से बाहर निकालने के लिए बल का प्रयोग किया गया होता क्योंकि पंचकूला में केवल एक से डेढ़ लाख समर्थक थे वही, डेरे में पांच से छह लाख लोगों की भीड़ जमा थी। हथियारों से लैस चक्रव्यूह इसका प्रमाण है कि बाकी सभी आश्रमों पर प्रशासन कब्जा ले चुका है । परंतु मुख्य आश्रम से समर्थकों को धीरे-धीरे संयम के साथ समझाइश के साथ बाहर निकाल रहा है और जैसे ही यह भीड़ कम हो जाएगी
।उसके कट्टर समर्थकों को बलपूर्वक पकड़कर मुख्य आश्रम पर भी कब्जा कर लिया जाएगा। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए में हरियाणा पुलिस ओर सरकार को साधुवाद देता हूँ कि उन्होंने अपनी बदनामी झेल कर भी एक बड़ी जनहानि एवं नुकसान से हरियाणा को बचा लिया।आज मीडिया यह सच नही बता रहा है क्योंकि पंचकूला में कई मीडिया हाउस का व्यक्तिगत नुकसान हुआ है।इसलिए आप अपनी बुद्धि का प्रयोग कीजिये ओर व्यर्थ में हरियाणा के पुलिस ओर सरकार पर काम से कम कटाक्ष तो मत कीजिये अन्यथा भविष्य में कोई भी जनप्रतिनिधि अथवा अधिकारी आम हित में ऐसे फैसले लेने से बचेगा जिसका नुकसान आप ओर हम जैसे आम आदमियों को ही होगा।
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