रतलाम 31 दिसम्बर 2019/ जिला सहकारी बैंक के तकनीकी समूह की बैठक कलेक्टर कक्ष में संपन्न हुई। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान की अध्यक्षता में संपन्न उक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले में किसान क्रेडिट कार्ड पर कृषक को खेती के अलावा पोल्ट्री, फिशरीज, डेयरी या बकरी पालन जैसी अतिरिक्त आय उपार्जन गतिविधियों के लिए भी कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा सभी बैंकों द्वारा दी जाएगी। बैठक में उपायुक्त सहकारिता श्री परमानंद गोडरिया, महाप्रबंधक सहकारी बैंक श्री आलोक जैन, उपसंचालक पशु चिकित्सा डा. ए.के. राणा, सहायक संचालक मत्स्य श्री बहादुरसिंह डामोर, उपसंचालक कृषि श्री जी.एस. मोहनिया तथा सदस्यगण उपस्थित थे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि किसानों को जिला सहकारी बैंक द्वारा खेती किसानी के लिए दिए जाने वाले ऋण की सीमा 3 लाख रूपए से बढ़ाकर 5 लाख रूपए तक की जाएगी। इसका प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए 3 लाख से ऊपर ऋण राशि पर बैंक द्वारा सामान्य दर से ब्याज लिया जाएगा। कलेक्टर ने दुर्घटना बीमा का अधिकाधिक लाभ दिलाने के निर्देश भी अनिवार्य रूप से बैंक को दिए।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा जारी परिपत्र के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड पर पशुपालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन इत्यादि के लिए आवश्यक कार्यशील पूंजी किसानो को उपलब्ध कराई जाएगी जो एक निश्चित सीमा में होगी। बताया गया कि पोल्ट्री के तहत 100 मुर्गियों पर 15 हजार रूपए कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। इसी तरह 500 मुर्गियों पर 1 लाख 45 हजार रूपए, बकरी पालन के तहत 10 बकरियों की एक यूनिट पर 13 हजार 294 रुपए तथा डेयरी पालन के तहत गाय की एक यूनिट पर 13 हजार 600 रूपए तथा भैंस की एक यूनिट पर 17 हजार 600 रूपए मिलाकर कुल 30 हजार 600 रूपए की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा सिंचाई जलाशय में मत्स्य पालन के लिए एक यूनिट पर 6 हजार 300 रूपए तथा ग्रामीण तालाबों में मत्स्य पालन पर एक यूनिट के लिए 49 हजार 660 रूपए कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।
बैठक में वर्ष 2020 के अंतर्गत खरीफ एवं रबी फसलों हेतु किसानों के लिए ऋण मान पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि खरीफ एवं रबी फसलों के लिए ऋण मान गत वर्ष की तरह ही होगा, इसके तहत नगद 70 प्रतिशत एवं वस्तु के रूप में 30 प्रतिशत मिलाकर सोयाबीन के लिए प्रति हेक्टेयर 52 हजार रुपए, सिंचित कपास के लिए 60 हजार रूपए, असिंचित कपास के लिए 18 हजार 900 रूपए, मूंगफली के लिए 50 हजार रूपए, ज्वार के लिए 19 हजार 600 रूपए, मक्का के लिए 40 हजार रूपए, बाजरे के लिए 8 हजार 400 रूपए, उड़द के लिए 30 हजार रूपए, मूंग के लिए 40 हजार रूपए, तूअर के लिए 60 हजार रूपए, तिल्ली के लिए 24 हजार 800 रूपए, लाल मिर्ची के लिए 80 हजार रूपए, अजवाइन के लिए 38 हजार 600 रूपए, टमाटर के लिए 1 लाख रूपए, अदरक एवं अरवी के लिए 1 लाख 92 हजार रूपए, गराडू के लिए 75 हजार रूपए, हल्दी के लिए 1 लाख 75 हजार रूपए ऋण मान रहेगा।
इसी प्रकार रबी फसलों के अंतर्गत सिंचित गेहूं के लिए प्रति हेक्टेयर 54 हजार रूपए, अर्ध सिंचित गेहूं के लिए 18 हजार 300 रूपए, चने के लिए 35 हजार रूपए, मसूर के लिए 25 हजार 600 रूपए, अलसी के लिए 21 हजार रूपए, सरसों और राई के लिए 21 हजार रूपए, मटर के लिए 60 हजार रूपए, आलू के लिए 82 हजार रूपए, लहसुन के लिए 1 लाख 50 हजार रूपए, प्याज के लिए 1 लाख रूपए, गन्ना के लिए 94 हजार 500 रूपए, खसखस के लिए 1 लाख 12 हजार रूपए, धनिया के लिए 36 हजार 700 रूपए, मेथी के लिए 35 हजार रूपए, बैंगन के लिए 70 हजार रूपए, पत्ता गोभी के लिए 70 हजार रूपए तथा फूलगोभी के लिए भी 75 हजार रूपए ऋणमान रहेगा।
किसानों के लिए ऋण मान जिले में प्रति हेक्टेयर उत्पादन ऋण अदायगी क्षमता अल्पावधि ऋण हेतु अदायगी क्षमता, मध्यम अवधि ऋण अदायगी क्षमता तथा मजदूरी, हकाई खर्च, खाद, बीज, दवाई खर्च आदि के आधार पर तय किए गए हैं।