नई दिल्ली, 5फरवरी2020/अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस महीने के आखिरी सप्ताह होने वाले भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच चल रहा व्यापार गतिरोध थमने की संभावना है। अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच एक ट्रेड डील पर हस्ताक्षर होना तय हो गया है। भारत और अमेरिका के व्यापारिक मामलों से जुड़े अधिकारी फिलहाल इस प्रस्तावित डील को फाइनल टच देने में जुटे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस डील में कई निश्चित व्यापारिक सेक्टरों को शामिल किया गया है
डोनाल्ड ट्रंप का अभी तक 23 से 26 फरवरी के बीच दो दिवसीय दौरे पर भारत आना तय है। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्ष इस दौरे की तैयारियों में जुटे हुए हैं। अपने दौरे पर ट्रंप वैसे तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही अधिकतर समय बिताएंगे, लेकिन एक विकल्प के तौर पर वह किसी अन्य शहर में भी कुछ समय के लिए जा सकते हैं।
हालांकि यह शहर कौन सा होगा, इसका फैसला होना अभी बाकी है। सूत्रों का कहना है कि अभी तक आगरा और अहमदाबाद को विकल्प के तौर पर सामने रखा गया है। पिछले सप्ताह वाशिंगटन से ट्रंप के विदेश दौरों को संभालने वाले उच्च स्तरीय लॉजिस्टिक्स टीम ने भारत का दौरा किया था और अपने राष्ट्रपति के पहले भारतीय दौरे के तैयारियों को परखा था।
भारत के लिए अहम है यह ट्रेड डील
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले साल चीन के साथ चल रही ट्रेड वार के दौरान भारत से आने वाले कुछ निश्चित स्टील व एल्युमिनियम उत्पादों पर भी भारी शुल्क थोप दिया था। इसके अलावा जीएसपी के तहत कुछ खास उत्पादों को मिलने वाली टैरिफ छूट को भी खत्म कर दिया गया था। भारत इन दोनों निर्णयों को बदलने का आग्रह कर रहा है। साथ ही भारत की तरफ से कृषि, ऑटोमोबाइल, वाहनों के पुर्जे व इंजीनियरिंग से जुड़े अपने उत्पादों के लिए अमेरिकी दरवाजे खोलने का भी दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ अमेरिका की तरफ से भारत पर अपने कृषि, मेन्युफेक्चरिंग उत्पाद, डेयरी उत्पाद और चिकित्सा उपकरणों के लिए अपने बाजार के दरवाजे खोलने का दबाव बनाया जा रहा है।
भारत के लिए अहम है यह ट्रेड डील
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले साल चीन के साथ चल रही ट्रेड वार के दौरान भारत से आने वाले कुछ निश्चित स्टील व एल्युमिनियम उत्पादों पर भी भारी शुल्क थोप दिया था। इसके अलावा जीएसपी के तहत कुछ खास उत्पादों को मिलने वाली टैरिफ छूट को भी खत्म कर दिया गया था। भारत इन दोनों निर्णयों को बदलने का आग्रह कर रहा है। साथ ही भारत की तरफ से कृषि, ऑटोमोबाइल, वाहनों के पुर्जे व इंजीनियरिंग से जुड़े अपने उत्पादों के लिए अमेरिकी दरवाजे खोलने का भी दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ अमेरिका की तरफ से भारत पर अपने कृषि, मेन्युफेक्चरिंग उत्पाद, डेयरी उत्पाद और चिकित्सा उपकरणों के लिए अपने बाजार के दरवाजे खोलने का दबाव बनाया जा रहा है।
(साभार-अमर उजाला)
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