रतलाम 7 जनवरी 2020/ रतलाम जिले में शिक्षा विभाग के तहत लागू किए गए मिशन समर्थ के अपेक्षा अनुरूप परिणाम सामने आए हैं। विद्यालयों में तिमाही परीक्षा परिणामों की तुलना में अर्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम बेहतर आया है। मिशन समर्थ जिले के 19 स्कूलों में लागू किया गया है जो शिक्षकविहीन शालाओं के रूप में चिन्हित की गई थी या जिनमें अतिथि शिक्षक अध्यापन करवा रहे थे या अतिथि शिक्षक पर्याप्त उपलब्ध नहीं थे।
जिले की शैक्षणिक स्थिति की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मिशन समर्थ लागू करते हुए उन स्कूलों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से अध्यापन कराने की पहल की। बीते 11 अक्टूबर से योजना पर काम शुरू किया जाकर खासतौर पर जिले के चयनित 25 हाईस्कूल में कक्षा 9 वीं तथा दसवीं के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास में एलईडी के माध्यम से लेक्चर की व्यवस्था की गई। यह लेक्चर जिले के विद्वान अध्यापकों से तैयार करवाए गए थे। विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी जैसे मुश्किल विषयों के अध्ययन के लिए पेन ड्राइव में लेक्चर उपलब्ध कराए जाकर एलईडी द्वारा पढ़ाई करवाई जा रही है। बीते दिसंबर माह में विद्यालयों में संपन्न अर्धवार्षिक परीक्षा परिणामों को देखकर यह पाया गया कि इन विद्यालयों में त्रैमासिक परीक्षा परिणामों की तुलना में अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम बहुत अच्छे आए हैं। जिले के बाजना के शासकीय मॉडल स्कूल में जहां त्रैमासिक रिजल्ट 19 प्रतिशत था वहीं अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम 78 प्रतिशत आया। इसका मतलब परीक्षा परिणाम में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई। विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल में त्रैमासिक रिजल्ट मात्र 20 प्रतिशत था वहीं अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम 45 प्रतिशत आया। ऐसे 19 स्कूलों मैं त्रैमासिक की तुलना में अर्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम अपेक्षा के अनुरूप प्राप्त हुआ है। सैलाना विकासखंड के हाईस्कूल आदिवासी ग्राम लांबाखोरा में नवी तथा दसवीं कक्षाओं का त्रैमासिक परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत रहा, वही अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जिले के जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस मिशन समर्थ के तहत संचालित की जा रही है उनके ढाई हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। स्कूलों को अध्यापन सामग्री पेन ड्राइव में उपलब्ध कराई जा रही है। यह अध्यापन वीडियो क्लिप्स शिक्षा विभाग के विषय विशेषज्ञ द्वारा तैयार किए गए हैं जो ब्लू प्रिंट एवं रेमेडियल टीचिंग को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस संचालित की जा रही है उनमें जिले के पीपलखूंटा, खजूरी देवड़ा, कलसिया, पंथपिपलोदा, मॉडल स्कूल बाजना, रत्तागढ़ खेड़ा, बंडवा, मल्लाखेड़ी, उमेदपुरा, लांबाखोरा, मोरिया, पिपलिया सिसोदिया, रछालिया, शेरपुरखुर्द, रिछा, थंब गुराडिया, गुलबालोद, भोजाखेड़ी, भीम, पाटन, लूनी, कोटडी, ताल, कसारी सम्मिलित है। स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में आनंद आ रहा है।
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