रतलाम, 11नवम्बर(खबरबाबा.काम)। मध्य प्रदेश की चुनावी जंग में भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दल टिकट बांटने के बाद अब बागियों के खतरों से जूझ रही हैं। दोनों पार्टियों के टिकट से वंचित नेता खुलकर कहीं निर्दलीय तो कहीं दूसरी पार्टियों के साथ चुनाव मैदान में नजर आ रहे हैं। वे अपनी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं। दोनों दलों में वरिष्ठ नेताओं ने बागियों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि पहले मान-मनोव्वल का दौर चलेगा और उसके बाद भी बागी नहीं माने तो पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा सकती है, वहीं अन्य तरीकों से भी बागियों पर दबाव बनाकर उन्हें नाम वापसी के लिए राजी करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पांच राज्यों में सबसे कांटे का चुनाव मध्य प्रदेश में हो रहा है। मध्य प्रदेश में दोनों पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं। दोनों ने जबर्दस्त तैयारी भी की है। चुनाव के मौके पर दोनों पार्टियों में नेताओं का दलबदल भी जमकर हुआ है।
भाजपा ने कांग्रेस से आए प्रेमचंद गुड्डू के बेटे और कुछ नेताओं को टिकट दिया है, तो कांग्रेस ने भाजपा से आए सरताज सिंह व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साले संजय सिंह को टिकट दिया है। भिंड में कांग्रेस से आए राकेश सिंह को भाजपा का टिकट मिलने पर भाजपा के मौजूदा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह बगावत पर उतारू हैं। राजनगर में कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने सपा के टिकट पर लड़ रहे अपने बेटे नितिन चतुर्वेदी के लिए खुलकर प्रचार करने का ऐलान कर दिया है।
रतलाम जिले में भी दोनों ही पार्टी के बागी मैदान में
रतलाम जिले की बात करें तो यहां भी बागियों ने दोनों पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा बागी जावरा विधानसभा में खड़े हुए हैं। यहां भाजपा से बागी होकर जहां श्याम बिहारी पटेल ने निर्दलीय उम्मीदवारी जता दी है, तो वहीं कांग्रेस में टिकट के प्रमुख दावेदार रहे डॉ. हमीरसिंह राठौर ने भी निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। दोनों उम्मीदवारों नामांकन के पूर्व जिस तरह रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया उसके बाद दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने नाम वापसी के लिए इन दोनों नेताओं से संपर्क कर प्रयास शुरू कर दिए हैं ।भाजपा जिला अध्यक्ष कान सिंह चौहान, उपाध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी और जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय बीती रात श्याम बिहारी पटेल से मिलने पहुंचे और उन्हें नाम वापसी के लिए मनाया। हालांकि पटेल पर इन प्रयासों कितना असर होता है यह 14 नवंबर को ही स्पष्ट हो सकेगा। इधर सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस से टिकट के प्रमुख दावेदार रहे और वर्तमान में निर्दलीय रुप से नामांकन भर चुके डा. हमीरसिंह राठौर को मनाने के लिए भोपाल और दिल्ली स्तर के नेता प्रयास में लगे हुए हैं। इधर जिले के सैलाना में टिकट कटने से नाराज होकर विधायक श्रीमती संगीता चारेल ने भी निर्दलीय रूप से नामांकन दाखिल किया है।पार्टी ने उन्हें भी मनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यदि यह बागी मैदान में डटे रहते हैं तो दोनों पार्टियों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मान-मनौव्वल के साथ सख्ती
दोनों पार्टियों ने उन बागियों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में बड़े नेताओं ने तमाम दांव आजमाकर उनको मनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हालांकि दोनों पार्टियों ने कहा है कि बागियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
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