रतलाम,31जनवरी(खबरबाबा.काम)। जिले के ग्राम कमेड़ में हुए बहुतचर्चित हत्याकांड के आरोपी हिम्मत पाटीदार को रतलाम पुलिस ने बीती रात राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। हिम्मत को लेकर पुलिस रतलाम पहुंची जहां पूछताछ में उसने हत्या का संपूर्ण राज खोला। गुरुवार को एसपी गौरव तिवारी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर पत्रकार वार्ता कर इस संबंध में जानकारी दी। पुलिस पूछताछ के अनुसार हिम्मत ने टीवी और फिल्मों को देखकर इस तरह के हत्याकांड की पूरी साजिश रची ।
उल्लेखनीय है कि जिले के बिलपांक थानान्तर्गत ग्राम कमेड में पिछले दिनों हिम्मत पाटीदार की हत्या का मामला सामने आया था। पुलिस अनुसन्धान के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि जिस हिम्मत पाटीदार को मृतक माना जा रहा था,वह तो जीवित था और वही असली दोषी था। मृतक तो मदन लाल था। हिम्मत ने उसकी हत्या करने के बाद शिनाख्त बिगाडने के लिए उसका चेहरा जला दिया था,जिससे कि लोगों को यह प्रतीत हो कि मरने वाला हिम्मत पाटीदार है। लेकिन पुलिस जांच में डीएनए टेस्ट के बाद यह साबित हुआ था कि मरने वाला हिम्मत नहीं बल्कि मदन था। पुलिस तभी से हिम्मत की तलाश में थी।
आरोपी को एसे पकड़ा :-
सुनियोजित तरीके से रची गई साजिश का पर्दाफाश होने के बाद एसपी गौरव तिवारी के मार्गदर्शन एवं एएसपी प्रदीप शर्मा के निर्देशन में गठित पुलिस टीमों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारिया एक दुसरे को साझा करते तीन टीमे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान रवाना कि गई। इसके भागने के समस्त मार्ग रेल, बस आदि को सीसीटीवी. के माध्यम से पुलिस ने खंगालना शुरू किया, सायबर टीम लगातार इसके परिजनों की गतिविधियों पर नजर रखी थी, इसी दौरान पुलिस को महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे की हिम्मत घटना के बाद से लगातार ट्रेन एवं बस से भ्रमण कर रहा है .पुलिस की नजर आसपास के जिलो के सभी धार्मिक स्थल, धर्मशाला, होटल, लॉज पर बनी हुई थी, तभी दिनांक 30 जनवरी को सायबर टीम को जानकारी मिली की आरोपी पिछले 2-3 दिन से जिला प्रतापगढ में एक धार्मिक स्थल की धर्मशाला में रूका है, उसकी तलाशी करते पुलिस ने देर रात हिम्मत को राजस्थान जिला प्रतापगढ कीधर्मशाला से पकडा | पुलिस गुरुवार सुबह आरोपी को लेकर रतलाम पहुंची है।
पुलिस पूछताछ में खोला पूरा राज
पुलिस के अनुसार आरोपी हिम्मत ने प्रारंभिक पूछताछ मे बताया कि उसके उपर 26 लाख रूपये का कर्जा होने से एवं स्वंय का 20 लाख रूपये का सुनियोजित तरीक से एक माह पूर्व अपना बीमा कराया एवं टीवा/फिल्मो को देखकर किसी अन्य को अपने स्थान पर मारकर खुद की हत्या करने की साजिश रची । जिससे 26 लाख रूपये का कर्जा न देना पडे, तथा परिजनों को 20 लाख की बीमा राशि का भी लाभ प्राप्त हो सके । साजिश के तहत् गांव कमेड के ही कालू उर्फ रामगोपाल को चिन्हित कर कालू को घटना के तीन दिन पहले उसके बालो की हेयर स्टाईल को अपनी हेयर स्टाईल जैसा बनाने के लिये कटिंग की दुकान पर ले गया था एवं घटना के पहले ही अपने खेत पर बने टपरे मे तलवार छिपा ली था। 22-23 जनवरी की दरमियानी रात को सोची समझी साजिश के तहत पहले कालू को अपने खेत पर बुलाने के लिये फोन लगाया, तो कालू ने मना कर दिया, फिर दुबारा फोन लगाने पर भी कालू ने आने से इंकार किया । इसके बाद आरोपी हिम्मत कालू के खेत पर मोटर सायकल से गया, जहां वह मजदूरी करता है वहां गया, परन्तु कालू खेत पर भी नहीं मिलने पर पास के ही खेत मे काम करने वाले मदन जो पूर्व मे उसके खेत पर मजदुरी करता था, को अपनी मोटर सायकल पर बैठाकर अपने खेत पर ले आया । आरोपी हिम्मत द्वारा ठंड अधिक होने का झांसा देकर मदन को बोला कि मैने इनर (गर्म कपडे) पहन रखे है, तु मेरे कपड़े पहन ले, इस पर मदन ने उसके फटे पुराने कपडे उतारकर हिम्मत के कपडे एवं जॉकेट पहन लिया । उसके बाद दोनो ने बैठकर बीड़ी पी |बीड़ी खत्म होते ही हिम्मत ने पीछे से हमला कर जान से मारने की नियत से मदन का गला दबा दिया, अर्दमुर्छित होने पर खेत पर छिपा रखी तलवार से गले पर वार किया, उसके बाद भी मदन के शरीर मे हरकत होने पर उसके चेहरे पर खेत की सुखी घास डालकर उसकी असली पहचान छिपाने के लिये उसका चेहरा जला दिया, जिससे की यह लगे की हिम्मत मर चुका है। घटना कारित करने के बाद मदन के कपड़े घटनास्थल से दूर जाकर रोड़ पर इधर उधर रास्ते मे फेक दिये व तलवार झाड़ियो मे छिपा दी। उसके बाद वह अपने घर की ओर गया, जहां पूर्व से ही उसने अपने कपडे और जूते घर के बाहर कोने मे अंधेरी जगह मे एक थैली मे रख रखे थे, ले लिये । थैली लेने के बाद वह वहां से पैदल भाटपचलाना गया, वहां से बस के बैठकर रूनिजा गया जहां से वह रेलवे स्टेशन से जनरल टिकट लेकर इंदौर की ट्रेन मे बैठ गया। इंदौर रेलवे स्टेशन पर उतरकर बाहर देखा तो उसे उज्जैन की बस तैयार खडी दिखी तो वह उसमे जाकर बैठ गया और उज्जैन पहुंच गया । लेकिन इसके मन मे बार-बार घटना के सम्बंध मे जानने की इच्छा हो रही थी जिससे वह उज्जैन पहुंचने के बाद खाचरौद जाने के लिये जावरा वाली बस मे बैठ गया । खाचरौद बस स्टेण्ड पर बस पहुंचने के बाद बस स्टेण्ड पर उतरकर खबर लेना चाहा परंतु गांव कमेड का एक व्यक्ति दिखने से वह बस से नही उतरा और सीधे जावरा पहुंच गया । जावरा से बस द्वारा प्रतापगढ(राजस्थान) पहुंच गया । 23 जनवरी से दो तीन दिन भटकने के बाद वही धर्मशाला मे एक कमरा अपने खुद के नाम से लिया । जहां 10 रूपये कमरे का किराया एवं 10 रूपये मे खाना मिलता है । आरोपी द्वारा घटना दिनांक के पूर्व एक दिन पहले 22. जनवरी को भाटपचलाना के एक व्यापारी से पचास हजार रूपये उधार भी लेकर आया था।
यहां यह बताना उचित होगा कि आरोपी के पास दो आधार कार्ड थे, एक घटनास्थल से पुलिस ने जप्त किया, दुसरा आज इसके पास से जप्त हुआ । अभी तक की पूछताछ मे आरोपी द्वारा अकेले घटना कारित करना कबूला है, विस्तृत पूछताछ पुलिस रिमाण्ड के बाद की जायेगी ।
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि आज आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश कर पुलिस रिमाण्ड लिया जाकर घटना मे इस्तेमाल की गई तलवार, घटना दिनांक को आरोपी द्वारा पहने कपड़े, शाल, टोपी आदि जप्त किया जाएगा |
इनकी रही भूमिका
उक्त घटना का पर्दाफाश करने मे विशेष गठित टीम सायबर सेल प्रभारी उनि. वीरेन्द्रसिंह बंदेवार, आर. मनमोहन शर्मा, आर. रितेशसिंह, आर. हिम्मतसिंह आर. बलराम पाटीदार एवं थाना बिलपांक के प्रआर. संतोष अग्निहोत्री, आर. लाखनसिंह यादव, आर ब्रजकिशोर मौर्य एवं आर. गोविंदराम कड़ोदिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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