नई दिल्ली, 31दिसम्बर2019/तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के साथ ही बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए हैं, अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा साउथ ब्लॉक पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले बिपिन रावत ने सभी जवानों को शुभकामनाएं दीं.
मीडिया से बात करते हुए बिपिन रावत ने कहा कि उन्होंने पूरी उम्मीद है कि मनोज मुकुंद देश की सेना को और आगे ले जाएंगे. सभी जवानों को वह नए साल की शुभकामनाएं देते हैं.
उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सिर्फ एक पद है, उस व्यक्ति को सेना के सभी जवान सहयोग करते हैं उसी सहयोग से देश की सेना आगे बढ़ती है. बिपिन रावत सिर्फ एक नाम है, ये ओहदा तभी बढ़ता है जब वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनता है, सभी जवानों के साथ आने से ही सफलता मिलती है.
बिपिन रावत ने इस दौरान कहा कि अब जो नए प्रमुख आएंगे, वह अपने तरीके से कार्रवाई करेंगे. मुझे नहीं पता था कि मैं चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस बनूंगा, अभी तक मैं आर्मी चीफ के तौर पर ही काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में सेना का आधुनिकिकरण करना उनका एक बड़ा कदम था.
बता दें कि अब उनकी जगह जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अगले सेना प्रमुख होंगे. भारत सरकार की तरफ से जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ घोषित किया गया है.
रिटायर हुए ‘सेना प्रमुख’ बिपिन रावत
सेना प्रमुख के तौर पर जनरल बिपिन रावत आज रिटायर हुए, कल यानी नए साल को वह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर काम संभालेंगे. बिपिन रावत ने 31 दिसंबर, 2016 में सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था.
तीन साल के कार्यकाल में उनकी अगुवाई में भारतीय सेना ने कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया. मंगलवार को नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाकर वह श्रद्धांजलि देंगे, वहीं साउथ ब्लॉक में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा.
जनरल बिपिन रावत शिमला के सेंट. एडवर्ड स्कूल से पढ़ाई की और बाद में नेशनल डिफेंस अकादमी गए. दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में बिपिन रावत को कमिशन किया गया. अपने 38 साल के कार्यकाल में उन्हें कई गैलेंटरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
क्या होगी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जिम्मेदारी?
एक लंबी मांग के बाद भारत सरकार की ओर से CDS के पद को मंजूरी दी गई है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में रक्षामंत्री को सलाह देना होगा. CDS ही रक्षामंत्री का प्रधान सैन्य सलाहकार होगा. हालांकि, सैन्य सेवाओं से जुड़े विशेष मामलों में तीनों सेनाओं के चीफ पहले की तरह रक्षामंत्री को सलाह देते रहेंगे.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे संभालेंगे पदभार
बता दें कि जनरल बिपिन रावत के रिटायर होते ही लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे सेना प्रमुख के तौर पर कमान संभालेंगे. वह इससे पहले जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं. श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा थे और तीन साल तक म्यांमार में भी रहे. लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से पास आउट हैं.
(साभार-आज तक)
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