रतलाम 4 जून 2020/ कोरोना पाजिटीव पाई गई गर्भवती महिला का एमसीएच अस्पताल में गुरूवार को प्रसव कराया गया। संक्रमण से बचाव हेतु पाजिटीव महिला को एमसीएच अस्पताल से जिला चिकित्सालय 108 एंबुलेंस के माध्यम से लाया गया,जहां विशेष कक्ष तैयार किया गया।
जिला चिकित्सालय में संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्था सिविल सर्जन डा. आनंद चंदेलकर, डा. रवि दिवेकर के मार्गदर्शन में डा. रजत दुबे द्वारा की गई। प्रसव पूर्व तैयारियों के लिए न्यु बोर्न स्टेबिलाईजेशन यूनिट भी तत्काल लाई गई। उल्लेखनीय है कि महिला का पूर्व प्रसव सीजेरियन पद्धति से हुआ था इसलिए यह द्वितीय प्रसव भी सीजेरियन पद्धति से कराया गया। चिकित्सकों द्वारा प्रसव के लिए सभी आवश्यक प्रोटोकाल का पालन किया गया। जिला चिकित्सालय में मेडिकल कालेज की टीम ने महिला का प्रसव कराया। डीन डा. संजय दीक्षित के मार्गदर्शन में मेडिकल कालेज की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. रेखा विमल, डा. पारूल त्रिचल, डा. सारिका रावत तथा एनस्थीशिया विशेषज्ञ डा. योगेश तिलकर, शिशु रोग विशेषज्ञ डा. सतीश कामटे, स्टाफ नर्स ग्रेसी मसीह, सिस्टर रिचल आदि की टीम ने प्रसव कराया जबकि जेआर डा. जिज्ञासा बारोद, डा. रिषिका परिहार ने ब्लड आदि की व्यवस्था तथा अन्य आवश्यक सहयोग प्रदान किया।
लगभग एक घंटे चले प्रसव के दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पूरे समय मानिटरिंग की। जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओआईसी डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन प्रसव शुरू होने से लेकर प्रसव होने तक अस्पताल में ही मौजूद रही। महिला ने सायंकाल में 7 बजे स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। चिकित्सकों ने बताया कि महिला के शिशु को स्तनपान भी कराया गया। चिकित्सकों के अनुसार शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान अमृत के समान है। प्रसव पश्चात महिला को प्रायवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया है। महिला का स्वास्थ्य स्थिर है तथा जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है। प्रसव पश्चात प्रसव कक्ष को पूरी तरह संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया अपनाई गई है। महिला का जहां प्रसव कराया गया है, उस प्रसव कक्ष का प्रोटोकाल अनुसार फयुमिगेशन एवं अन्य संक्रमणरोधी गतिविधियां की जाएगी। कक्ष के पूरी तरह संक्रमण मुक्त होने के बाद ही उपयोग किया जाएगा। पाजिटीव महिला के फालोअप एवं उपचार की अन्य प्रक्रिया के लिए कर्मचारियों की अलग से डयुटी लगाई गई है ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव किया जा सके।