भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे वनडे के दौरान एक नो बॉल के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जब मेहमान टीम ने डेड बॉल की स्थिति में हार्दिक पंड्या के आउट होने का दावा किया लेकिन मैदानी अंपायरों ने उसे ठुकरा दिया।
पंड्या तब 19 रन पर खेल रहे थे जब वह कमर की ऊंचाई की फुल टॉस पर सही शॉट नहीं लगा पाए और गेंद कवर में खड़े स्टीव स्मिथ के हाथों में चली गई। तभी बारिश भी आ गई। पंड्या को पता नहीं चला कि गेंद नो बॉल थी और वह पवेलियन लौटने लगे। स्मिथ को यहां पर लगा कि पंड्या को रन आउट किया जा सकता है और उन्होंने गेंद केन रिचर्डसन की तरफ फेंकी जिन्होंने गिल्लियां गिरा दीं। तब पंड्या आसपास भी नहीं थे।
कप्तान स्टीव स्मिथ सहित ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने रन आउट के लिए अपील की लेकिन अंपायरों ने कुछ देर बाद फैसला किया जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने रन आउट का दावा किया तब तक गेंद खेल में नहीं थी यानि डेड हो चुकी थी। बारिश के कारण इस पूरे घटनाक्रम में नाटकीय मोड़ आया। बारिश थमने पर खेल शुरु होने के बाद पंड्या साथी बल्लेबाज भुवनेश्वर कुमार के साथ वापस क्रीज पर लौटे।
अंपायरों ने इस मामले में नियमों का सहारा लिया और बल्लेबाजी टीम को फ्री हिट दी। एमसीसी की नियमावली के अनुबंध 27.7 के अनुसार, बल्लेबाज गलतफहमी में अपनी क्रीज छोड़ता है और अंपायर को यदि लगता है कि बल्लेबाज ने गलतफहमी में विकेट छोड़ा तो वह उसे नॉट आउट दे सकता है। अंपायर बीच में अपनी बात रखेगा और गेंद को डेड बॉल करार देगा ताकि क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम आगे खेल से जुड़ी कोई गतिविधि में शामिल नहीं हो। इसके बाद अंपायर बल्लेबाज को वापस बुलाएगा।
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