रतलाम, 18जून(खबरबाबा.काम)।रतलाम नगर पालिका कर्मचारी यूनियन द्वारा सातवें वेतनमान की मांग को लेकर सोमवार से शुरू की गई अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल के पहले दिन ही शहर में जल प्रदाय और सफाई व्यवस्था चरमरा गई। जल वितरण नहीं होने से आम जनता की परेशानी को देखते हुए कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने तत्काल हस्तक्षेप किया और सोमवार सुबह कंट्रोल रूम पर एस पी अमित सिंह, महापौर श्रीमती सुनीता यार्दे,निगम आयुक्त एसके सिंह के साथ निगम यूनियन के नेताओं से चर्चा की ,जिसमें जल प्रदाय को हड़ताल से अलग करने पर सहमति बनी। बैठक में कलेक्टर ने सफाई और जल व्यवस्था को सुचारू करने के निर्देश दिए।
इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बताया कि हड़ताल में शामिल निगम यूनियन के कर्मचारी नेताओं से चर्चा की गई है जिसमें उन्हें पानी और सफाई व्यवस्था को हड़ताल से अलग करने के लिए कहा गया है जिसके बाद यूनियन नेताओं ने अपनी सहमति दी है। इस संबंध में कर्मचारी नेता दिनेश सोलंकी ने कहा कि प्रशासन से चर्चा के बाद आम जनता की परेशानियों को देखते हुए जल प्रदाय को हड़ताल से अलग करने का निर्णय लिया है, ताकि शहर में जल प्रदाय व्यवस्था सुचारू रह सके। मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल जारी रहेगी। बैठक के दौरान एएसपी डॉ राजेश सहाय ,एएसपी प्रदीप शर्मा ,एसडीएम अनिल भाना सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
क्यों की जा रही है हड़ताल
नगर निगम कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष दिनेश सोलंकी एवं अन्य कर्मचारी नेताओं ने रविवार को निगम सभाग्रह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया था कि नगर निगमों और नगर पालिका के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने के लिए नगरीय विकास विभाग द्वारा शर्त रखी गई है कि नगर निगम में राजस्व वसूली का 55 प्रतिशत व नगर पालिका/नगर परिषद में 60 प्रतिशत से कम स्थापना व्यय व्यय होने पर ही निकाय के कर्मचारियेां को सातवां वेतनमान दिया जायेगा। इसके साथ ही इस पर आने वाला पुरा खर्च भी नगरीय निकायों को ही वहन करना होगा। शासन द्वारा निगम कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार के विरोध में प्रदेश स्तर पर 18 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है, जिसमें पानी व सफाई व्यवस्था को बंद कर दिया गया है।
यह है मांगे-
-निकाय के अधिकारियों और कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ दिए जाए।
-नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषदों में कार्यरत सितम्बर 2016 तक समस्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का लाभ दिया जाए।
-विभिन्न नगरीय निकायों में कार्यरत सामुदायिक संगठकों को नियमित किया जाए।
-निकाय के स्थापना व्यय की सीमा 65 प्रतिशत के स्थान पर 75 प्रतिशत किया जाए।
-निकायों के सेवा भर्ती नियमों में कम्प्युटर आपरेटर के पद समाहित किए जाए।
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