रतलाम,13 अप्रैल(खबरबाबा.काम)। हर माता-पिता बच्चे के जन्म पर मिठाईयां बांटते है, ढोल और बैंडबाजे बजवाते है। संतान बड़े होकर उपकारी माता-पिता के दुख का कारण बने, तो उसे सुख नहीं मिलेगा। अपने माता-पिता से पूछो कि मैं आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरा कि नहीं? माता-पिता को आपके उपर अभिमान होना चाहिए। उत्तम के ह्दय में स्थान मिले, उपकारी के ह्दय में अभिमान हो, परिवार में सम्मान मिले और समाज में पहचान हो, तो सुख की वास्तविक अनुभुति मिलेगी।
यह बात राज प्रतिबोधक, पद्मभूषण, सरस्वतीलब्धप्रसाद, परम पूज्य आचार्य श्रीमद्विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी महाराज ने कही। वे सैलाना वालो की हवेली, मोहन टॉकीज में श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी द्वारा आयोजित 11 दिवसीय प्रवचनमाला को संबोधित कर रहे थे। प्रवचनमाला के पांचवे दिन सुख का सही पता कौन सा? विषय पर प्रेरक प्रवचन में आचार्यश्री ने कहा कि आचार पवित्र होगा, तो ही उत्तम ह्दय में स्थान मिलेगा। राम के ह्दय में हनुमान, श्री कृष्ण के ह्दय में सुदामा और भगवान महावीर के ह्दय में पुनिया श्रावक ने जो स्थान प्राप्त किया, ऐसा स्थान पाने का प्रयास सबको करना चाहिए। संसार में माता-पिता और गुरू परम उपकारी है, इनके ह्दय में आपके लिए अभिमान होना चाहिए। विडंबना है कि वर्तमान समय में माता-पिता के सामने ही युवावर्ग अपनी सीमाएं लांघता है। इससे उन्हें शर्म महसूस करना पड़ती है, जो चिंतनीय होकर आगे जाकर दुख का कारण बनती है।
आचार्यश्री ने कहा कि उत्तम ह्दय में स्थान आचरण से बनता है। उपकारी के मन में अभिमान हमारे व्यवहार से होगा, जबकि परिवार में सम्मान की प्राप्ति स्वभाव से होती है। समाज में पहचान के लिए उदारता जरूरी है। समाज में उसी की पहचान और पूंछ-परख होती है, जो उदार होता है। विडंबना है कि मोबाइल के इस युग ने आज आचरण, व्यवहार, स्वभाव और उदारता सभी को खत्म कर दिया है। एक समय ऐसा था कि बेटा गलती करने से डरता था, लेकिन आज माता-पिता अपने बच्चों की गलती दिखाने से डर रहे है। पैसा आने के बाद क्या-क्या आया,यह सोचने के बजाए यह सोचे कि पैसा आने के बाद क्या-क्या चला गया। प्रसन्नता, पवित्रता, आत्मिक सुख और शांति कुछ नहीं बचे, इसलिए अपने आचरण से उत्तम ह्दय में स्थान, व्यवहार से उपकारी के मन में अभिमान, स्वभाव से परिवार में सम्मान और उदारता से समाज में पहचान पाने का प्रयास करे। सुख का सही रास्ता यही है। प्रवचनमाला में रविवार का विषय जीना है, जीतना है कि जागना है, रहेगा। संचालन मुकेश जैन ने किया।
Trending
- रतलाम: किराएदार, बंगाली कारीगरों,होटल, धर्मशाला, लाज में रुकने वाले यात्री एवं कर्मचारियों की जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में संबंधित पुलिस थाने में देना अनिवार्य…कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी राजेश बाथम द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
- खुले में कचरा डालने वाले 2 व्यक्तियों पर हुआ जुर्माना
- अभा ग्राहक पंचायत ने किया रतलाम प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का स्वागत, संचालित प्रकल्पों के लिए मीडिया से सहयोग का आह्वान किया
- रतलाम:जिले में सतर्कता-एसपी अमित कुमार के निर्देश पर पुलिस द्वारा रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर चलाया चेकिंग अभियान
- रतलाम: पुलिस की कार्रवाई-फर्जी तरीके से सिम बेचने पर एक आरोपी गिरफ्तार,बिना आईडी प्रूफ के दूसरे के नाम पर एक्टिवेट सिम दी, सादी वर्दी में ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस
- रतलाम पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत चलाया गया चेकिंग अभियान… होटल, लाज, धर्मशाला में रुके संदिग्धों की चेकिंग की गई, किराएदारों की भी चेकिंग शुरू
- रतलाम: बीमा कंपनी को इलाज की राशि ब्याज सहित देने का आदेश
- पाकिस्तान पर आसमान के बाद समंदर से बरपा कहर! INS विक्रांत ने कराची बंदरगाह को किया तबाह