रतलाम,26सितम्बर(खबरबाबा.काम)। इस संसारी भव भ्रमण में अपने लिए तो सब जीते है, लेकिन जो दुसरो की चिंता में जीता है,सही मायने में वो एक ऐसी अमिट छाप छोड़ता है। जो न केवल खुद के व्यक्तित्व की सदाशयता दिखाती है, बल्कि ओरो के लिए प्रेरणा भी बन जाती है।
रतलाम की पुण्य धरा पर तपस्वी कमलजी मल्हारा ने गौमाता पर संक्रमण के कारण आई तकलीफ को देखते हुए तपस्या निमित्त आयोजन में आई सम्पूर्ण भेंट राशि को जीवमैत्री परिवार को सौप दी है। उनकी इस अनुकरणीय पहल की सर्वत्र अनुमोदना हो रही है।
दादा गुरुदेव राजेन्द्र सुरिश्वर जी के अनन्य भक्त एवं त्रिस्तुतिक समाज मे आराधना करने वाले जीवमैत्री परिवार के सक्रिय साथी कमल मल्लारा ने नीमवाला उपाश्रय मे विराजित साध्वी डॉक्टर प्रीतिदर्शना श्री जी क़ी प्रेरणा से महामृत्युंजय तप(30 उपवास ) क़ी तपस्या पूर्ण क़ी है। जिसके निमित्त उनके निवास से जयकारा यात्रा निकाली गई । जो नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई मोहन टॉकीज पर पहुंच कर धर्मसभा मे परिवर्तित हुई।
लंपी की चिंता में सौंप दी उपहार राशि
स्मरण रहे कि कमल जी मल्लारा जीवदया मे विशेष रूचि रखते है।वर्तमान मे गौवंश मे फेल रही गंभीर बिमारी लंपी वायरस हेतु दवाईया और आहार सामग्री हेतु आपने एक अनुकरणीय पहल करते हुए एक आदर्श उदाहरण समाज के सामने पेश किया है। अपनी तपस्या की अनुमोदना से प्राप्त होने वाली बहुमान स्वरूप राशि, शाल, चांदी का सिक्का सहित सम्पूर्ण सामग्री लंपी से ग्रसित जीवो के उपचार एवं आहार हेतु देने भावना बताई।
तत्काल जीव मैत्री परिवार को सौपी राशि
तपस्वी कमल भाई जीवमैत्री परिवार के सक्रिय साथी है, एवं नियमित जीवमैत्री परिवार द्वारा संचालित गौशालाओ क़ी आहार एवं चिकित्सा सेवाओं मे सहयोगी है। ऐसे में उन्होंने मेहमानों से प्राप्त नगद राशि एवं अन्य वस्तुओं से प्राप्त राशी का उपयोग जीवमैत्री परिवार के माध्यम से लंप्पी से ग्रसित गौवंश क़ी चिकित्सा मे खर्च करने के लिए तत्काल जीव मैत्री परिवार को सौंप दी।