रतलाम,26नवम्बर(खबरबाबा.काम)। शनिवार को जिला न्यायालय ने करीब दस वर्ष पूर्व रतलाम के दो गुटों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बहुचर्चित मामले में कांग्रेस नेता मयंक जाट और भाजपा पार्षद भगतसिंह भदौरिया, भाजपा खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक यतेन्द्र भारद्वाज समेत कुल ग्यारह लोगों को दोषसिद्ध करार दिया है। इनमें से मयंक जाट के पक्ष के 7 अभियुक्तों को हत्या के प्रयास के आरोप में 6 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है,तो भगतसिंह भदौरिया के गुट के चार लोगों को हत्या के प्रयास के आरोप में सात- सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। सभी ग्यारह अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है।
इस बहुचर्चित प्रकरण में शनिवार को निर्णय होने की जानकारी के चलते न्यायालय परिसर में कडी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई थी। सुबह कोर्ट खुलते ही तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश लक्ष्मण वर्मा ने सभी अभियुक्तों को फैसला सुना दिया और उन्हे जेल भेजने का आदेश दिया।फैसले को देखते हुए दोनो गुटों के लोग बडी संख्या में न्यायालय परिसर में मौजूद थे।
यह था मामला
अंबर ग्रुप और भदोरिया ग्रुप में खूनी संघर्ष की यह घटना करीब दस वर्ष पूर्व 29 जनवरी 2012 की रात करीब साढे दस बजे डाट की पुलिया क्षेत्र में शिखा बार के सामने हुई थी। इस संघर्ष में दोनो पक्षों ने एक दूसरे पर पिस्टल से फायरिंग करने और तलवार से प्राणघातक हमले करने के आरोप लगाए थे। पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र पर क्रास रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
पहला प्रकरण रितेश भदौरिया की रिपोर्ट पर दर्ज किया गया था,जिसमें यतेन्द्र भारद्वाज,ऋषि जायसवाल,अमित जायसवाल और मयंक जाट नामजद आरोपी बनाए गए थे और कुछ अन्य अज्ञात लोग आरोपी थे। इस प्रकरण के अनुसंधान के बाद पुलिस ने इसमें इन चारों के अलावा भूपेश नेगी,किशोर चौहान,यौगेन्द्र सिंह और रमेश सिंधी (कुल आठ) को भी आरोपी बनाया था और सभी के विरुद्ध भादवि की धारा 307,147,148,149 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
दूसरा प्रकरण कांग्रेस नेता मयंक जाट की रिपोर्ट पर दर्ज किया गया था। मयंक जाट की रिपोर्ट पर पुलिस ने भाजपा पार्षद भगत भदौरिया,रितेश भदौरिया,रितेश नाथ उर्फ कालू,रवि मीणा और शरद भाटी के विरुद्ध भादवि की धारा 307,147,148,149 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। दोनो पक्ष के लोगों ने अवैध पिस्टल से फायरिंग की थी और तलवारों से दूसरे पक्ष के लोगों पर जानलेवा वार किए थे। दोनो प्रकरणों के कुल तेरह आरोपियों में से रितेश भदौरिया और रमेश सिंधि की प्रकरण के विचारण के दौरान मृत्यु हो गई परिणामत: कुल ग्यारह अभियुक्तों का विचारण किया गया।