रतलाम,2दिसम्बर(खबरबाबा.काम)। समीपस्थ ग्राम पलसोड़ा में 9 दिवसीय जिन भक्ति महोत्सव परम पूज्य आचार्य देव हर्षतिलक सूरीश्वर जी म. सा., साध्वी भगवंत हर्षपूर्णा श्री जी, दिव्यधरा श्रीजी, सूर्यकांता श्रीजी म. सा. आदि ठाणा की निश्रा में शुभ मुहूर्त में प्रारंभ हुआ।
सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में भक्तजन पलसोड़ा पहुंचने शुरू हो गए। पूज्य गुरुदेव का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आगे -आगे बालिकाएं मंगल कलश लेकर चल रही थी। सुमधुर बैंड भक्ति गीत गाते हुए चल रहा था। रास्ते भर गुरु जी अमारोअंतर्नाद अमने आपो आशीर्वाद के नारे लग रहे थे। आगे-आगे भक्तजन नृत्य करते हुए चल रहे थे। चल समारोह ग्राम पलसोड़ा के प्रमुख मार्गो से होता हुआ महोत्सव स्थल पर पहुंचा।
रास्ते में जगह-जगह समाजजन द्वारा भक्ति भाव से गहुंली की गई। महोत्सव स्थल पर पूज्य आचार्य भगवंत के द्वारा भगवान राजराजेश्वरी पार्श्वनाथ का मंत्रोच्चार व नवकार मंत्र का जाप कराने के बाद महोत्सव स्थल पर बनी वाराणसी नगरी का उद्घाटन लाभार्थी परिवार बाबूलाल सियार पलसोडा परिवार द्वारा किया गया। वहीं भरत चक्रवर्ती भोजन मंडप का उद्घाटन लक्ष्मीचंद सूरजबाई लुनिया परिवार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सामूहिक गुरु वंदन के बाद प्रवचन में आचार्य भगवंत हर्षतिलक सुरीश्वर जी म. सा. ने फरमाया कि संसार में जो भी कार्य होता है उसके पीछे कोई ना कोई कारण होता है। दिनभर की समस्त प्रवृत्ति के पीछे कोई कारण होता है, हमारे द्वारा उपार्जित कर्म के कारण हमारा परिभ्रमण इस संसार में हो रहा है। पिछले जन्म में किए गए शुभ कार्यों से मनुष्य भव प्राप्त हुआ है एवं उत्तम कुल प्राप्त हुआ है। 8 कर्मों का नाश करने के लिए ही धर्म प्राप्त हुआ है। अगर अब भी अच्छे कर्म के लिए पुरुषार्थ नहीं किया तो अगला भव बिगड़ जाएगा।
बाद में आज पहले दिन विधिकारक हितेश भाई मनासा वाले एवं गुरुदेव के द्वारा विधि विधान से क्षेत्रपाल स्थापना पूजन, मानेक स्तंभ रोपण एवं तोरण स्थापना का कार्य बड़े उल्लास से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन हिम्मत गेलड़ा एवं विमल जैन द्वारा किया गया। पलसोड़ा श्वे.जैन श्रीसंघ अध्यक्ष बाबूलाल गादिया एवं सुविधिनाथ मंदिर जीर्णोद्धार समिति के प्रमोद रांका और मंगल जगावत ने सभी का आभार व्यक्त किया।