रतलाम ,17दिसम्बर(खबरबाबा.काम)। शनिवार शाम रतलाम वासियों के लिए एक दुखद खबर आई है।साधुमार्गी जैन समाज के अग्रज, वरिष्ठ समाज सेवी, समग्र जैन समाज में सामाजिक गतिविधियों के कारण अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले, रेडक्रॉस सोसायटी के पूर्व चेयरमैन महेंद्र गादिया का आज रात्रि क़रीब पौने नौ बजे आकस्मिक निधन हो गया । उनके स्वास्थ्य का समाचार मिलते ही अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में समाजजन एवं अन्य लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई।
श्री गादिया को आज देर शाम तबियत बिगड़ने के कारण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों के अनुसार उन्हें कार्डियाक अरेस्ट हुआ था । चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बाद भी उन्हें नही बचाया जा सका । आज शनिवार सुबह ही उनके नेतृत्व में सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के ख़िलाफ़ जैन समाज के हज़ारों पुरुष और महिलाओं ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया था । श्री गादिया के निधन से जैन समाज सहित विभिन्न वर्गों में शोक की लहर छा गई है । शहर ने एक सच्चा समाज सेवी खो दिया है । उनका निधन सामाजिक स्तर पर रतलाम के लिए बहुत बड़ी क्षती है। खबरबाबा.काम परिवार श्री महिंद्रा गादिया को श्रद्धांजलि अर्पित करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उनके परिवार को इस दुखद घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
जिसने सुना वह स्तब्ध रह गया
श्री गादिया के निधन की खबर पूरे शहर में आग की तरह फैल गई । बड़ी संख्या में लोग रतलाम हॉस्पिटल पहुँचने लगे थे । किसी को इस खबर पर विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि आज सुबह ही दो बत्ती घोड़ा चौराहे पर उन्होंने जैन समाज के एक विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए ज़िला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था । उन्हें जानने वाला हर व्यक्ति इस खबर से स्तब्ध था । उनके निधन के बाद भी लोग निधन की खबर की पुष्टि को लेकर अपने परिचितों को फ़ोन करते रहे ।
श्री महेन्द्र गादिया ने पिछले दो दशक में समाज सेवा क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान बनाया था । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जहां वे अनुशासित सिपाही रहे वहीं भारतीय जनता पार्टी में संगठन स्तर पर भी वे हमेशा सक्रिय रहते थे । पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी के वे अत्यंत विश्वसनीय समझे जाते थे ।
जरूरतमंदों की सेवा में रहते थे अग्रणी
श्री महेन्द्र गादिया सच्चे जन सेवक होकर मीडिया जगत में भी लोकप्रिय थे । ज़रूरतमंदों की सेवा एवं उनकी मदद करने में हमेशा अग्रणी रहते थे । जन सेवा में संलग्न प्रयास संस्था की ज़िम्मेदारी हिम्मतज़ी कोठारी ने उन्हें सौंप रखी थी । श्री कोठारी के मार्गदर्शन में प्रयास संस्था के माध्यम से सैकड़ों हार्ट के ऑपरेशन, निःशुल्क दवाई वितरण तथा अन्य सहयोग हेतु वे तत्पर रहते थे । एक सफल प्रॉपर्टी व्यवसायी होकर भी वे सच्चे समाज सेवी थे । उनका इस तरह अचानक चले जाना जैन समाज ही नहीं बल्कि पूरे शहर के लिए अपूरणीय क्षति है ।