टेक्नोलॉजी न्यूज़, 15फरवरी2023। अगर आप इंटरनेट की दुनिया से लगातार जुड़े रहते हैं तो आपने हाल फिलहाल में चैट जीपीटी नाम का एक वर्ड कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा. दरअसल, चैट जीपीटी एक एआई (AI) यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड चैट बॉट है जो आपके किसी भी सवाल का जवाब सेकेंड्स में दे देता है. चैट जीपीटी को दिग्गज टेक कंपनी गूगल के लिए खतरा माना गया है.
चैट जीपीटी AI चैट बॉंट को हाल ही में लाइव किया गया और जिस तरह इसे यूजर्स का रिस्पांस मिला ये देखने लायक था. सरल भाषा में बस आप इतना समझ लीजिए कि ये चैट बॉट आपके हर सवाल का जवाब आपको गूगल से भी जल्दी और सरल भाषा में दे सकता है. पूरी दुनिया में जहां एक ओर चैट जीपीटी इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है तो वहीं इस बीच अमेरिका के एक शहर इसपर बैन ठोक दिया है. आइए जानते हैं आखिर वजह क्या है.
अमेरिका के इस शहर ने ठोका बैन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड चैट बॉट पर न्यूयॉर्क सिटी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन द्वारा बैन ठोक दिया गया है. विभाग ने चैट बोर्ड को स्टूडेंट और शिक्षक के लिए तुरंत प्रभाव से ब्लॉक कर दिया है. दरअसल, विभाग के एजुकेशन बोर्ड का मानना है कि चैट बॉट बच्चों के भविष्य और शिक्षकों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि यह हर सवाल का जवाब फटाफट दे रहा है जिससे बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. विभाग का कहना है कि ये बच्चों के क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को बिल्ड करने से रोकता है जो भविष्य के लिहाज से बच्चों के लिए जरूरी है. दरअसल, काफी हद तक ये बात सच भी है क्योंकि इस चैट बॉट पर आप सेकंड में हर सवाल का जवाब जान सकते हैं.
उदाहरण के लिए हम अगर आपको बताएं–
अगर आप एक ब्लॉगर हैं जो अपनी वेबसाइट पर डेली ब्लॉग लिखता है तो यदि आप चैट बॉट से एक SEO फ्रेंडली ब्लॉग लिखने के लिए कहेंगे तो ये मिनटों में आपको ब्लॉग लिखकर दे देगा. अगर आप यूपीएससी का कोई सवाल इससे पूछेंगे तो ये भी सेकंड्स में आपको पता लग जाएगा. ये चैट बॉट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड है जिस पर सभी जानकारी अलग-अलग भाषाओं में मौजूद हैं. हालांकि चैट जीपीटी की कुछ कमियां भी है जो समय के साथ सुधर सकती है. लेकिन फिलहाल ये दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है.
इस कंपनी ने बनाया है चैट जीपीटी
चैट जीपीटी को ओपन एआई ने तैयार किया है. ओपन एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च करने वाली कंपनी है जिसकी शुरुआत साल 2015 में एलन मस्क और सेम ऑल्टमैन ने मिलकर की थी. लेकिन बाद में एलन मस्क इस कंपनी से अलग हो गए. चैट जीपीटी को पिछले साल नवंबर में लांच किया गया था और 1 हफ्ते के भीतर इस पर एक मिलियन का ट्रैफिक देखा गया. इतना बड़ा ट्रैफिक लाने में गूगल , इंस्टाग्राम, टि्वटर, फेसबुक, नेटफ्लिक्स आदि को महीनों का समय लग गया था. इसलिए ये फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है.
क्यों पड़ी ChatGPT की जरूरत
गूगल एक पॉपुलर इंटरनेट सर्चिंग प्लेटफॉर्म है। लेकिन गूगल पर कुछ भी सर्च करने पर वो आपके दर्जनों वेबसाइट की लिंक मुहैया करा देता है, जिससे किसी सटीक जानकारी तक पहुंचने में आपको काफी वक्त लगता है। लेकिन ChatGPT में कुछ भी सर्च करने पर वेबसाइट पर नहीं विजिट करना होता है. ChatGPT आपको टेक्स्ट फॉर्म में लिखकर जानकारी मुहैया कराता है.