रतलाम, 26 जुलाई(खबरबाबा.काम)। पूज्य आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में बुधवार को उस समय एक नया इतिहास रच गया, जब शहर में 240 वर्धमान तप करने वाले तपस्वियों का एक साथ भव्य जुलूस निकला। जुलूस सेठजी का बाजार स्थित आगमोद्धारक भवन से आरंभ हुआ और मुख्य मार्गाें से होते हुए मोहन टाॅकीज पहुंचकर धर्मसभा में परिर्वतित हो गया। यहां तप अनुमोदना समारोह के दौरान तपस्वियों का सत्कार किया गया। प्रवचन के बाद लाभार्थी परिवारों का बहुमान किया गया।
आचार्य श्री ने इस मौके पर कहा कि आज आपकी साधना का पूर्ण विराम नहीं है, अल्प विराम है। तप के लिए संकल्प, सत्व और समर्पण की ताकत का होना जरूरी है। इसमें संकल्प की ताकत के साथ ध्यैय और बुद्धि बल के साथ मनोबल है तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको तोड़ नहीं सकती।
आचार्य श्री ने कहा कि आध्यात्म जीवन में आगे बढ़ना है तो तत्व का बल जरूरी है। यदि तप का नहीं आहार का अनुराग है, तो तप का अनुराग करोगे तो आहार का अभ्यास खत्म हो जाएगा। इस जन्म में बहमचर्य का अनुराग बड़ा कर ले तो वासना का अभ्यास खत्म हो जाएगा।
आचार्य श्री ने कहा कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ धर्म है। अहिंसा, संयम और तप धर्म का कोई मुकाबला नहीं। यदि हमे अहिंसा की पालन करना है तो संयम का पालन जरूरी है। संयम नहीं है तो अहिंसा का पालन नहीं हो सकता। संयम का पालन बिना तप के नहीं कर सकते। तप अहिंसा और संयम से बढ़कर है।
धर्मसभा से पूर्व तपस्वियों का भव्य जुलूस बैंड बाजों के साथ निकला। आयोजन के लाभार्थी ममता संजय मंडलेचा परिवार, अभय औरा माताजी माला परिवार, राजेश चण्डालिया परिवार, शैलेंद्र सिपानी परिवार एवं प्रदीप संकरेचा परिवार रहे। श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी की ओर से अभय लुनिया, राजेश सुराणा, सुनील मूणत, मुकेश जैन, मोहनलाल कासवा, ललित पोरवाल आदि ने लाभार्थी परिवारों का बहुमान किया।