स्कूल बैग का वजन कम करने और सप्ताह में एक दिन नो स्कूल बैग के निर्देश जिले में हुए हवा...
रतलाम,25जून(खबरबाबा.काम)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला मध्य प्रदेश भले ही पहला राज्य हो लेकिन इसके निर्देशों का पालन कराने में सरकार अभी भी पीछे दिखाई दे रही है। अन्य जिलों का तो नहीं पता लेकिन कम से कम रतलाम जिले में तो यही हाल है, जहां स्पष्ट निर्देश के बावजूद प्रशासन और शिक्षा विभाग बच्चों के कंधों से स्कूल बैग का वजन कम नहीं कर पा रहा है। झुके कंधे और बैक पेन की समस्याओं के साथ बच्चे कई किलो वजनी स्कूल बैग को ढोने को मजबूर हो रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के बाद मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में सरकारी और निजी स्कूलों के लिए स्कूल बैग के वजन को लेकर नियम तय किए गए थे। बावजूद इसके नियमों को अनदेखा किया जा रहा है। नए शैक्षणिक में फिर से बच्चों के बैग का भार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। प्राइमरी और मिडिल क्लास के बच्चों के कंधों पर कई किलो वजनी स्कूली बैग को देखा जा सकता है।
बैक पेन जैसी समस्याएं
स्कूली बच्चों के बैग का भार उन्हें बैक पेन जैसी समस्याओं से जूझने पर मजबूर कर रहा है। खासतौर पर प्राइवेट स्कूलों में बैग के बढ़ते बोझ के कारण कम उम्र में ही बच्चों को कंधे और पीठ में दर्द जैसी समस्या से जूझना पड़ रहा है। प्राइमरी और मिडिल विंग के बच्चों पर बैग का भार बहुत ज्यादा पड़ रहा है, जिससे पैरंट्स भी काफी परेशान हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्धारित बैग का वजन
पहली कक्षा- 1.6-2.2 किलो.
दूसरी कक्षा- 1.6-2.2 किलो.
तीसरी कक्षा- 1.7-2.5 किलो.
चौथी कक्षा- 1.7-2.5 किलो.
पांचवीं कक्षा- 1.7-2.5 किलो.
छठवीं कक्षा – 2-3 किलो.
सातवीं कक्षा – 2-3 किलो.
आठवीं कक्षा- 2.5-4.0 किलो.
नौवीं कक्षा – 2.5-4.5 किलो.
दसवीं कक्षा- 2.5-4.5 किलो.
औचक निरीक्षण के निर्देशों का भी पालन नहीं
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशों में कहा गया है कि कक्षा 11वीं और 12 वीं क्लास के बैग के वजन की सीमा स्कूल तय करेंगे। इस पॉलिसी को सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में चस्पा किया जाएगा। हफ्ते में एक दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल के जाना होगा। निर्देशों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाने की बात कही गई है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को औचक निरीक्षण का भी निर्देश दिया गया है, लेकिन रतलाम जिले में अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।
शिक्षा मंत्री ने आदेश का सख्ती से पालन करने के दिए थे निर्देश
प्रदेश के शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने नए शैक्षणिक सत्र (2024-25) से स्कूल बैग पॉलिसी का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए थे। 16 फरवरी को जारी किए गए निर्देश में स्कूलों को हिदायत दी गई है कि बस्तों का वजन एक नियत से ज्यादा नहीं होना चाहिए। सरकार द्वारा स्कूलों को दिए गए निर्देशों में ये भी कहा गया है कि हफ्ते में एक दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल जाना होगा।
बता दें, कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इसके तहत स्कूलों में बस्ते के वजन को कम करना है। बस्ते को वजन को कम करने के लिए करीब दो साल पहले सितंबर 2022 में भी स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन इसका स्कूलों में पालन नहीं किया जा रहा है। इसके बाद इसी वर्ष फरवरी में भी विभाग द्वारा नए निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग ने आदेश में कहा है कि विद्यार्थी के बस्ते का वजन निर्धारित सीमा में ही है इसके लिए जिले के जिला शिक्षा अधिकारी प्रत्येक तीन माह में शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त विद्यालयों के विद्यार्थियों के स्कूल बैग की जांच भी कराएंगे, लेकिन जिले में ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। आज भी स्कूली बैग के वजन के नीचे बचपन दब रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने नहीं दिया जवाब
इस मामले पर जब खबरबाबा.काम ने जिला शिक्षा अधिकारी के.सी. शर्मा से फोन पर चर्चा करनी चाही, तो उन्होंने एक पारिवारिक कारण का हवाला देते हुए इस संबंध में बात करने में असमर्थता जताई।
कलेक्टर ने कहा-कार्रवाई की जाएगी
इस संबंध में कलेक्टर राजेश बाथम ने कहा कि शासन के जो भी निर्देश है उनका पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। स्कूल बैग के वजन को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को टीम बनाकर जांच करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। नियम का पालन नहीं करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-राजेश बाथम, कलेक्टर रतलाम