रतलाम,30जून(खबरबाबा.काम)। अनवांछित गर्भाशय को निकालने और उससे होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के लिए रविवार को रतलाम ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसायटी द्वारा फेडरेशन ऑफ गाइनेक्लोजिक सोसाइटीज ऑफ़ इंडिया (FOGSI) एवं इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबिंग(IHW) के साथ Preserve the Uterus कैंपेन शुरू किया गया है। इसी के तहत रतलाम में रविवार को एक कार्यशाला का आयोजन संस्था द्वारा किया गया। वर्कशॉप के बाद जन जागरूकता के लिए प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई।
वर्कशॉप में शामिल होने FOGSI के चेयरपर्सन डॉ प्रियंकुर राय भी रतलाम आए। कार्यशाला में डॉक्टर राय के साथ ही शहर और जिले की प्रसिद्ध महिला चिकित्सकों ने गर्भाशय के बचाव और उसके निकलने से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर जानकारियां साझा की।
अत्यंत जरूरी नहीं होने पर गर्भाशय निकलवाने से बचना जरूरी
वर्कशॉप के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में FOGSI के चेयरपर्सन डॉ प्रियंकुर राय, उपस्थित वरिष्ठ महिला चिकित्सक पदमश्री डॉ. लीला जोशी,डा. डाली मेहरा,डा.आशा सराफ,डा. सुनीता वाधवानी, डा. अदिति राठौर आदि ने बताया कि गर्भाशय महिलाओं का सबसे जरूरी प्रजनन अंग होता है। जिसे किसी बीमारियों की वजह से निकाला जाता है।इस ऑपरेशन को हिस्टोरेक्टोमी (Hysterectomy) कहते हैं । इसमें फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, सर्विक्स तथा अन्य प्रजनन अंग का भी निकालना शामिल है। समय के साथ भारत में कम उम्र की महिलाओं में भी गर्भाशय निकालने के केसों में वृद्धि देखी गई है।
चिकित्सकों ने बताया कि गर्भाशय निकालने से महिलाओं में मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। आजकल परिवार में या आज पड़ोस की देखा देखी थोड़ी -सी शारीरिक परेशानी होने पर भी गर्भाशय निकलवाने का प्रचलन बढ़ गया है, जो सही नहीं है।
अनवांछित गर्भाशय को निकालने तथा उससे होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के लिए फेडरेशन ऑफ गाइनेक्लोजिक सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI), इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबिंग (IHW) व रतलाम ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसायटी (ROGS) द्वारा Preserve the Uterus कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसमे आज वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमे डा. प्रियंकुर रॉय द्वारा गर्भाशय के संरक्षण तथा गर्भाशय निष्कासन (Hysterectomy) को कैसे सही जानकारी तथा सही चिकित्सीय सलाह से रोका जा सकता, इस पर व्याख्यान दिया गया।वर्कशॉप में गर्भाशय निष्कासन (Hysterectomy) के बढ़ते हुए ऑपरेशन दर तथा उससे होने वाले दुष्प्रभाव जैसे कम उम्र में ओस्टियोपोरोसिस, मेनोपॉज इत्यादि के बारे में जानकारी साझा की गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला चिकित्सक ने बताया कि आजकल गर्भाशय निकलवाने के अलावा भी कई तरह के विकल्प आ गए हैं। इलाज के माध्यम से भी अपनी परेशानी को दूर किया जा सकता है। अत्यंत जरूरी होने पर ही चिकित्सक गर्भाशय निकलवाने की सलाह देते हैं। चिकित्सकों ने कहा कि गर्भाशय निकलवाने के बाद महिलाओं में हड्डियों की कमजोरी एवं हार्ट संबंधी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की अपील
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित महिला चिकित्सको ने मुख्यत: महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 24 साल तक की बच्चियों और युवतियों को चिकित्सक की सलाह से इसके लिए उपलब्ध वैक्सीन लगवाने की भी अपील की।
वर्कशॉप और प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ. प्रियंकु राय,डॉ. लीला जोशी,डॉ. डाली मेहरा, डॉ. आशा सराफ,डॉ. अदिति राठौर,डॉ. सुनीता वाधवानी, उज्जैन की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ. जया मिश्रा,डॉ. पुरोहित, डॉ अनामिका अवस्थी सहित अन्य महिला चिकित्सक उपस्थित थीं।