रतलाम: मुक्तिधाम में मनाई गई दिवाली…. पूर्वजों की याद में रंगोली बनाकर जलाए गए दीप और ढोल बजाकर की गई आतिशबाजी
रतलाम,31 अक्टूबर(खबरबाबा.काम)। दीपावली के एक दिन पूर्व बुधवार शाम को यम चतुर्दशी पर शहर के त्रिवेणी मुक्ति धाम पर दीपावली मनाई गई।आमतौर पर शमशान का नाम जहन में आते ही लोग यहां आने से बचते हैं।खासतौर पर महिलाएं। लेकिन रतलाम के त्रिवेणी मुक्तिधाम में महिलाओं और बच्चों भीड़ उमड़ी। पितरों की याद में यहां शमशान में दिवाली मनाई गई जिसे मनाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं , बच्चे और पुरुष पहुंचे थे।
रतलाम के कई सामाजिक संगठनों की यह पहल है । अपने पूर्वजों की याद में ये लोग त्रिवेणी मुक्तिधाम पहुंचकर यहां बकायदा दीप अर्पण करते हैं । हजारों दीपकों से मुक्तिधाम को सजाया जाता है। सुंदर सुंदर रंगोली बनाई जाती है। इसके बाद मुक्तिधाम में आतिशबाजी कर अपने पूर्वजों की याद में शमशान में दीपावली मनाई जाती है।
यह रस्म कई सालों से चली आ रही है। जिसे यह लोग आज भी आगे बड़ा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब दीपावली के मौके पर सब कुछ जगमग होता है तो फिर शमशान अंधकार में कैसे रहें।
दीपावली के एक दिन पहले त्रिवेणी मुक्ति धाम पर दीपावली मनाई जाती हे ।लोग यहाँ आते हे दीपक जलाते हे और पठाखे फोड़ते हे और खुशिया मनाते है। इसके लिए शमसान में सुबह से ही तैयारी शुरू हो जाती हे सफाई करके रंगोली बनाई जाती हे। पुरे मुक्तिधाम परिसर को दीप जलाकर सजाया जाता है।
कभी कभी तो ऐसा मोका भी आता हे की दीपावली की तैयारी के साथ साथ और दीपावली मनाते समय चिता भी जलती रहती है।यहाँ दीपावली मनाने वाला दिन होता हे यमचोदस का ।
लोग यहां शमसान में दीपावली मनाकर अपने पूर्वजो को याद करते हे ।और दिप जलाकर फटाखे फोड़कर दीपवाली की खुशिया भी उनके साथ बाटते है।
रतलाम शहर में यह सिलसिला करीब दस साल पहले एक संस्था के पधाधिकारियो ने शुरू किया था लेकिन धीरे धीर अब बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़ गए हे बच्चे और महिलाएं भी शमसान में आते है और दीपावली मनाते हैं।