रतलाम: प्रशासन द्वारा उद्योगों के संयुक्त निरीक्षण के निर्णय से उद्योगपति नाराज-उद्योगों को बंद कर चाबी मुख्यमंत्री और मंत्री को सौंपने की दी चेतावनी… उद्योगपतियों को प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
रतलाम,16नवम्बर(खबरबाबा.काम)। रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा जिले के उद्योगों के संयुक्त निरीक्षण के निर्णय और उसके लिए गठित दल से उद्योगपति नाराज है।संभागीय उघोग संघ, मालवा चेंबर्स आफ कामर्स, लघु उद्योग भारती ने इस निर्णय को अनुचित बताया है। यही नहीं निरीक्षण करने पर उद्योगों को बंद कर चाबी मुख्यमंत्री और एमएसएमई मंत्री को सौंपने की चेतावनी भी दी है। उद्योगपतियों ने एमएसएमई मंत्री के जिले में ही उद्योगपतियों को प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।
संभागीय उघोग संघ, मालवा चेंबर्स आफ कामर्स, लघु उद्योग भारती के संदीप व्यास एवं वरूण पोरवाल द्वारा बताया गया कि कलेक्टर द्वारा रतलाम की औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण के लिए दल गठित करने के निर्णय से उद्योगपतियों में भारी असंतोष है।
निर्णय के खिलाफ रतलाम के सभी प्रमुख औद्योगिक संगठनों के सदस्यों की संयुक्त बैठक उद्योग भवन में आयोजित की गई। जिसमें सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण लिए गठित दल द्वारा निरीक्षण को अनुचित व गैर वाजिब माना है । यह उद्योगों के सम्मान को भी ठेस पहुंचाने जैसा है।
सभी सदस्यों द्वारा बताया गया की गठित समिति को जिन बिंदुओं पर निरीक्षण का बोला गया है। उक्त सभी बिंदुओं पर उद्योग विभाग के मैनेजर के नेतृत्व में चार सदस्य दल ने सभी औद्योगिक इकाइयों का विस्तृत निरीक्षण विगत तीन माह पूर्व ही किया गया है। इस प्रकार से बार-बार औद्योगिक इकाइयों को निरीक्षण के नाम पर परेशान करने की क्या आवश्यकता है?
उद्योगों का विभिन्न विभागों द्वारा जैसे श्रम विभाग, प्रदूषण विभाग, औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा, बिजली एवं अन्य विभागों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण तो किया जाता है। अगर जिला प्रशासन को उक्त विभागों के निरीक्षण पर भरोसा नहीं है तो सबसे पहले उद्योग विभाग के उन सभी अधिकारियों और उन सभी विभागों के विरुद्ध कार्रवाई करें जिनके द्वारा उद्योगों में निरीक्षण किया गया।
मंत्री के जिले में ही प्रताड़ित करने का आरोप
उद्योगपतियों की और से जारी बयान में कहा गया कि एक और तो मुख्यमंत्री और हमारे लोकप्रिय विधायक व लघु उद्योग मंत्री द्वारा प्रदेश में रीजनल कांक्लेव का आयोजन कर प्रदेश में औद्योगीकरण के लिए प्रयास किया जा रहे हैं उसके विपरीत उनके ही गृह जिले में उद्योगों को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है।
उद्योग बंद करने की चेतावनी
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 16 सदस्यी प्रतिनिधि मंडल का गठन किया गया है। जो इस विषय में सभी निर्णय और कार्रवाई हेतु प्राधिकृत है। प्रशासन द्वारा उक्त आदेश को तुरंत वापस नहीं लिया गया और उद्योगों के निरीक्षण की कार्रवाई प्रारंभ की गई तो रतलाम के समस्त लघु उद्योग इकाइयों द्वारा अपना उत्पादन बंद करके उद्योगों की चाबी मुख्यमंत्री और मंत्री को सौंप दी जाएगी। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि भविष्य में इस प्रकार की कोई भी कार्रवाइ और बेवजह उद्योगों को परेशान करने की प्रयासों के विरुद्ध एक सक्षम कानूनी सेल का गठन किया जाए। इसके लिए तत्काल प्रभाव से दो अधिवक्ताओं को नियुक्त किया गया है। जिनके द्वारा विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी बैठक में सारे निर्णय सर्वसम्मति से पारित किए गए।