सभा को युवा कांग्रेस अध्यक्ष मायंक जाट ने भी किया संबोधित
रतलाम,8नवम्बर(खबरबाबा.काम)। मतदान की तारीख नजदीक आते ही चुनावी माहौल गरमाने लगा है। मंगलवार रात को कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा दादा की आमसभा कस्तूरबा नगर मैन रोड पर हुई। सभा में कांग्रेस प्रत्याशी ने विपक्षी उम्मीदवार पर जमकर निशाना साधा।
विधायक प्रत्याशी पारस सकलेचा दादा ने आने वाली सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे वचन पत्र में 1227 वचन है। हम इन पर काम करेंगे। विधायक को आड़े हाथों लेते हुए दादा ने कहा कि अहंकार में तीन गए, धन, वैभव और वंश। यकीन ना आए तो देख लो रावण कौरव और कंस। श्री सकलेचा ने कहा कि विधायक जी आप आमसभा क्यों नहीं करते? मेरा आपको खुला चैलेंज है कि आप आमसभा करे।
सकलेचा ने कहा की अभी हमने दशहरा मनाया, दशहरे में रावण का वध होता है। रावण भी राजा था, उसमें बहुत सारे गुण थे, साथ ही उसमें तीन अवगुण भी थे जिसके कारण उसका नाश हुआ। रावण मे अहंकार था, क्रोध था और कामवासना थी… यह मैं नहीं बोल रहा, यह रामचरितमानस बोल रही। रावण कितना भी दुबला हो या मोटा हो, एक सिर का हो या 10 सिर का हो। 21 फीट, 51 फीट का हो 101 फीट का हो। मरना रावण को ही है। रतलाम में विधायक जी ने पोस्टर लगाकर बताया कि रतलाम को महानगर बनाएंगे, अब महानगर बनने के लिए शहर की जनसंख्या एक करोड़ होनी चाहिए, रतलाम की आबादी 2011 में 2 लाख 44 हजार थी! अभी बढ़कर सवा तीन लाख से डेढ़ करोड़ कैसे हो गई भगवान जाने!
सभा में कर्नाटक से आए गुरमीत सिंह सलूजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है, आप सरल सहज कांग्रेस के उम्मीदवार पारस सकलेचा दादा को ही वोट दें।
युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मयंक जाट ने पानी की समस्या पर जोर देते हुए कहा कि हमेशा विधायक जी हर बार उद्घाटन करते रहते हैं और पानी की समस्या ज्यो की त्यों है। हर बार अख़बारों में खबर छपती है रोज नल से पानी देंगे। कब देंगे? उसका कोई भरोसा नही। हर थोड़े दिन में विधायक जी का काम है उद्घाटन करना और बहुमान करवाना। आप लोगों ने कभी विधायक जी को सड़कों पर चलते हुए देखा नहीं? क्योंकि वह तो महलों में रहने की आदी है। उनको क्या मालूम के यहां पर लोग धूल खा रहे हैं। मयंक जाट ने विधायक भवन में चार दरवाजे बताएं। जाट ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आते हैं चारों दरवाजे जनता के लिए एक एक करके खुलते जाते हैं और जैसे ही चुनाव खत्म होंते हैं चारों दरवाजे आम जनता के लिए वापस बंद हो जाते है।