
रतलाम,19जून(खबरबाबा.काम)। 10 दिन पूर्व 8 जून को इंदौर रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी ट्रेन के कोच से टुकड़ों में मिली महिला की लाश की शिनाख्त पुलिस ने कर ली है। महिला की पहचान रतलाम जिले के बिलपांक थाना क्षेत्र के गांव मऊ निवासी के रूप में हुई है। पुलिस अधिकृत पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट भी कराएगी।
इंदौर जीआरपी पुलिस के अनुसार जिस महिला का शव टुकड़ों में मिला था वह रतलाम जिले के बिलपांक थाना क्षेत्र में मउ गांव की रहने वाली है। बताया जा रहा है उसके हाथ पर जो नाम लिखा है वह उसके भाई का है। महिला की शिनाख्त करने वाली बहनों के हाथ पर भी यही नाम लिखा है।
जीआरपी टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक बुधवार को पुलिस की टीम महिला के माता-पिता और बहनों से बात करने पहुंची। डीएनए सैंपल अभी नहीं लिए गए हैं। इंदौर बुलाकर एक दो दिन में डीएनए सैंपल लिए जाएगा। डीएनए जांच के बाद पुष्टि हो सकेगी।
दरअसल, इंदौर जीआरपी को कुछ दिन पहले यार्ड में खड़ी इंदौर-नागदा ट्रेन में एक महिला का शव मिला था। शव का बाकी का हिस्सा दो दिन बाद उज्जैन में मिला। यहां मिले शव के हाथ पर मीराबेन
गोपाल भाई का नाम गुदा मिला था। इससे महिला के गुजराती होने की जानकारी मिली। पुलिस ने इसके बाद गुजरात और मप्र से सटे गुजरात के शहरों में गुमशुदा महिलाओं की जानकारी निकाली। रतलाम के पास के गांव में इस नाम की महिला की गुमशुदगी सामने आने के बाद पुलिस मृतका के घर तक पहुंची।
पुलिस के अनुसार महिला रतलाम जिले के बिलपांक थाना इलाके के रेनमऊ गांव की रहने वाली थी। 6 जून-2024 को मीराबेन पति से विवाद होने के बाद घर से चली गई थी। परिजन कुछ दिन उसका इंतजार करते रहे। इसके बाद 12 जून -2024 को गुमशुदगी की रिपोर्ट बिलपांक थाने में भाई गोपाल भाई ने दर्ज करवाई थी। पुलिस के अनुसार भाई और महिला की दो बेटियां सहित बालक ने हाथ में गुदे नाम, कपड़े और बिंदी से मीराबेन को पहचान लिया। पुलिस अब डीएनए जांच भी करवाएगी। पुलिस महिला की शिनाख्ती के बाद उसकी हत्या के आरोपियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।