रतलाम,7अगस्त(खबरबाबा.काम)। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से एक मुखी से 21 मुखी तक के रुद्राक्ष शामिल हैं। प्रत्येक प्रकार के रुद्राक्ष का अपना महत्व और विशेषता होती है और उन्हें धारण करने से विभिन्न लाभ होते हैं।
यह बात त्रिपोलिया गेट स्थित श्री हरियाणा गौड़ ब्राह्मण धर्मशाला में नाथूलाल शर्मा द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के दौरान पंडित वैष्णव विजय जोशी सीतामऊ वाले ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कही।
उन्होंने विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष का महत्व बताते हुए कहा कि एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आत्म साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास होता है, दो मुखी रुद्राक्ष से संबंधों में मेल जोल व ध्यान में स्थिरता आती है, तीन मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा के शासन को प्रतिष्ठित करती है और सफलता प्राप्त कराती है। चार मुखी रुद्राक्ष ध्यान में स्थिरता आत्मविश्वास और धार्मिक विकास के लिए होता है।पंचमुखी रुद्राक्ष संतान सुख विवाह में सफलता व धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए होता है ।
उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष को पूर्णिमा ,अमावस्या या सोमवार को पहनना श्रेष्ठ माना जाता है। सावन के महीने में रुद्राक्ष किसी भी दिन धारण किया जा सकता है क्योंकि श्रावण माह का हर दिन शुभ माना गया है।उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष पहनकर ऐसी जगह नहीं जाना चाहिए जहां मांस मदिरा सेवन होता हो। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी रुद्राक्ष पहन सकती है इसका कोई प्रतिबंध नहीं है ।
कथा से पूर्व सुबह पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण पूजन अभिषेक तथा विसर्जन हुआ। श्रीशर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति पार्थिव शिवलिंग पूजन अभिषेक में नि:शुल्क भाग ले सकता है । कथा के बाद आरती कर प्रसादी वितरित की गई।
इस दौरान विजय शर्मा ,अजय शर्मा, विशाल जायसवाल सहित नागरिक मौजूद थे।