एसा भी होता है… अपनी लकी कार को कबाड़ में देने की बजाय धूमधाम से कुछ इस तरह दी अंतिम विदाई, कार्यक्रम में किए चार लाख खर्च, 2 हजार लोगों को किया आमंत्रित

अमरेली,8नवम्बर(खबरबाबा.काम)। दुनिया में अपने वाहन से लगाव रखने वाले लोग तो खूब मिल जाएंगे लेकिन अपने वाहन से इतना प्यार करने वाला परिवार आपने कभी नहीं देखा होगा,जो कार को अंतिम विदाई देने के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर लाखों रुपए खर्च कर दे।

गुजरात की ये घटना आपको भी अचरज में डाल देगी। किसी को अपने कार से ऐसा इतना लगाव कैसे हो सकता है कि उसके विदाई का आयोजन कर दे। उससे जुड़े हर सफर की याद करे। उसे दफनाने के लिए जूलूस का आयोजन करे और बरसी मनाने का वादा करे। गजरात के एक परिवार ने अपने कार की अंतिम विदाई के लिए 2000 से अधिक लोगों को बकायदा आमंत्रण पत्र भेजकर इन्वाइट किया।

गुजरात के पोलरा परिवार को अपनी 18 साल पुरानी कार से इतना लगाव हो गया था कि उसे अपनी ‘लकी’ कार मानने लगे थे। गुजरात के अमरेली जिले के लाठी तालुका के पदरशिंगा गांव के संजय पोलरा और उनके परिवार ने अपनी प्यारी कार को गुरुवार को अंतिम विदाई दी। पोलरा और उनके परिवार ने अंतिम विदाई पर पूरे गांव और अन्य लोगों को आमंत्रित किया।

श्लोकों का पाठ
पोलरा परिवार के पुजारी ने ईष्ट देवता के सामने संस्कृत श्लोकों का पाठ कर अनुष्ठान पूरा किया। फिर फूलों से सजी हैचबैक कार को घर से उनके खेत में बने गड्ढे तक ले जाने के लिए जुलूस निकाला गया। कार के लिए खोदे गड्ढे को मिट्टी से ढकने के लिए एक जेसीबी मशीन की मदद ली गई।

2 हजार मेहमानों को निमंत्रण
कार के मालिक संजय पोलरा ने बताया कि कार की आंतिम विदाई के लिए 2 डजार से ज्यादा मेहमानों को निमंत्रण पत्र भेजा था। इसमें लिखा था, ‘2006 में जब से हमने इस कार को खरीदा, तब से यह हमारे परिवार का सदस्य बन गई।इसने हमें सौभाग्य और समृद्धि दी है। समाज में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ाई है।हम चाहते हैं कि यह कार हमेशा हमारी यादों में बनी रहे।’

याद में पेड़ लगाना चाहते
पोलरा ने बताया कि वे अपनी सिल्वर हैचबैक की याद में पेड़ लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ अलग करना चाहता था, इसलिए मैंने इस विदाई समारोह का फैसला किया।हम हर साल 7 नवंबर को इस जगह इकट्ठा होंगे। अपनी पसंदीदा कार में की गई सभी यात्राओं को याद करेंगे।











