रतलाम(खबरबाबा.कॉम) । रतलाम के राजनीतिक धरातल पर आज कोई नेता मजबूती से खड़ा है तो वह नाम है हिम्मत कोठारी का । कभी भी रतलाम की राजनीति का इतिहास लिखा जाएगा तो उस इतिहास के 70 प्रतिशत पन्ने हिम्मत कोठारी के राजनीतिक जीवन से भरे हुए होंगे , क्योंकि 45 साल के लंबे और सक्रिय राजनीतिक जीवन मे कोई ऐसा दिन नही रहा जो कि आमजन के लिए समर्पित नही रहा हो । आज भी वे इतने ही सक्रिय है जितने आज से 20 वर्ष पूर्व थे ।
3 फरवरी को प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री एवं मध्य प्रदेश वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी का जन्म दिवस है और रतलाम शहर के जमीनी भाजपा कार्यकर्ता और उनके समर्थक अपने नेता का जन्मदिवस मना रहे है । 6 बार विधायक रहे और प्रदेश मंत्रिमंडल में एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ तथा उत्कृष्ट मंत्री के रूप में सेवा देने वाले हिम्मत कोठारी का पूरा राजनीतिक जीवन गरीब और सर्वहारा वर्ग की सेवा और उनकी जरूरतों को पूरा करने में समर्पित रहा है । किसी जरूरतमंद मरीज को दवाई की जरूरत हो, किसी को अपने बच्चे के लिए स्कूल में फीस की जरूरत हो या ऐसी कोई भी दरकार हो वह यदि श्री कोठारी के दर पर चल जाता है तो खाली हाथ नही लौटता । श्री कोठारी के मददगार हाथ उसे खाली हाथ नही जाने देते ।अपने 45 वर्ष के राजनीतिक जीवन मे स्वच्छ राजनीति के साथ साथ सेवा कार्यो को भी अपने राजनीतिक जीवन का ध्येय बनाया और शहर ही नही बल्कि पूरे प्रदेश राजनीतिक हलकों में एक विशिष्ट छाप छोड़ी ।हिम्मतजी ने आठ विधानसभा चुनाव लड़े और 6 बार चुनाव जीता । उनकी विधायकी का अधिकतम समय विपक्ष में बिता और इसी अधिकतम समय की विपक्षी विधायकी ने उन्हें जुझारू और संघर्षशील बना दिया ।भाजपा के सत्ता में आने पर वे सरकार में मंत्री भी रहे लेकिन उनकी न्यायप्रियता के चलते उन्होंने आमजन और पार्टी के कार्यकर्ताओं के अधिकारों के लिए किसी भी स्तर पर समझौता नही किया । कार्यकर्ताओ के लिए तो वे आज भी पार्टी में अपनी आवाज़ बुलंद करते रहते है । रतलाम आज यदि विकास के पथ पर अग्रसर है तो उसकी नीव तैयार करने में हिम्मत कोठारी का महत्वपूर्ण योगदान है ।मेडिकल कॉलेज की लड़ाई वे उस समय से लड़ते आये है जब प्रदेश में कांग्रेस का राज था और श्यामाचरण शुक्ल मुख्यमंत्री थे । अपने गृह मंत्रित्व काल मे उन्होंने मेडिकल कॉलेज स्वीकृत कराया और चुनाव पूर्व कैबिनेट की बैठक में बजट प्रावधान कराया।आज उसी का परिणाम है कि रतलाम में मेडिकल कॉलेज का काम अंतिम दौर में है ।ये एक काम नही बल्कि ऐसे कई काम है जिसकी सूची काफी लंबी है ।श्री कोठारी की विधायकी के 30 वर्षों में से साढ़े बाइस साल विपक्ष में गुजरे और इन साढ़े बाइस साल में उन्होंने रतलाम को जितनी सौगाते दिलाई वह सत्ता पक्ष से संघर्ष करके दिलाई। बाल चिकित्सालय उनके संघर्षो का ही परिणाम है । लेबड़ नायगॉंव फोरलेन, जामड पार्क , कनेरी बांध,यू आई डी एस एस एम टी योजना,मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति,उनके मंत्रित्व काल की प्रमुख उपलब्धि रही है ।राजनीति से सेवा के सिद्धांत को उन्होंने अपनाते हुए पूरे देश के राजनीतिक हलकों में एक बेहतरीन मिसाल पेश की ।आज भी राजनीति से सेवा का उनका मिशन अनवरत जारी है ।पहली बार 1977 मे विधायक बने उस समय भी वे सड़क के आदमी थे और आज जब सर्वोच्च मुकाम पाने के बाद भी उनकी पहचान जमीनी नेता के रूप में ही है । वे आम आदमी और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने के लिए हमेशा तत्पर है चाहे इसके लिए उन्हें अपनी ही सरकार या पार्टी से ही क्यों न सामना करना पड़े । उनकी इसी अदा के कारण भारतीय जनता पार्टी में उन्हें विशिष्ट सम्मान दिया जाता है। पार्टी के कनिष्ठ से लेकर वरिष्ठ नेता उनकी कार्यशैली के कायल है और अपने मंत्रित्वकाल के दौरान प्रशासनिक पकड़ की छाप उन्होंने छोड़ी थी उसकी आज भी प्रशंसा भोपाल के सचिवालय तक गूंजती नज़र आती है ।
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