रतलाम,12अगस्त(खबरबाबा.काम) । जीवन मे अनेक कष्ट आते है, अनेक विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न होती है लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों में भी धीरज रखकर इनका सामना करनेवाला व्यक्ति जीवन मे कभी असफल नही होता क्योंकि समय और परिस्थितियां कभी भी एकसमान नही होती ये बदलती जरूर है । व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में यह सोच ले कि ये थोड़े समय की ही है तो उसका ये धीरज उसके जीवन की लक्ष्य प्राप्ति में कारगर साबित होता है ।
यह बात दिगम्बर जैन संत प्रमाण सागरजी महाराज ने रविवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही ।
प्रमाण सागरजी महाराज ने आज व्यक्ति के जीवन मे तनाव के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओ पर विस्तार से समझाते हुए कहा कि तनाव व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है ।सकारात्मक तनाव व्यक्ति के जीवन का पथ प्रदर्शक होता है जबकि नकारात्मक तनाव जीवन को छिन्न भिन्न और खंडित कर देता है, नकारात्मक तनाव की स्थिति को समाप्त करने के लिए व्यक्ति को धीरज का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि जीवन मे हमेशा परिस्थितियां अनुकूल नही रहती, प्रतिकूल परिस्थितियों में भी यदि धीरज रखकर व्यक्ति यह सोच ले कि ये परिस्थितियां थोड़े समय की ही है तो जीवन मे नकारात्मक तनाव को समाप्त किया जा सकता है ।