रतलाम,5जनवरी(खबरबाबा.काम)| अतिप्राचीन व प्रसिद्ध बिबड़ौद जैन तीर्थ में पौष अमावस्या के अवसर पर शनिवार को आयोजित मेले में आस्था का सैलाब उमड़ा। मेले को लेकर जैन समाजजन में विशेष उत्साह नजर आया। लोग अपने परिवारों के साथ सुसज्जित बैलगाडिय़ों में थालियां बजाते हुए मेला स्थल तक पहुंचें। दिनभर मौज मस्ती की। इस दौरान बिबड़ौद तीर्थ में भी कई धार्मिक आयोजन हुए।
बिबड़ौद में पौष अमावस्या पर लगाए गए मेले में शहर के साथ ही आसपास के शहरों से भी लोगों ने शिरकत की। मेले में कोई बैलगाड़ियों से पहुंचा तो कोई कार व दोपहिया वाहनों से। तीर्थ में सुबह से ही चहल पहल शुरू हो गई थी। लोगों ने मेले में पहुंचने के बाद सबसे पहले तीर्थ पर पहुंचकर भगवान आदिनाथ के दर्शन किए। इसके बाद परिवार के साथ दुकानों पर पहुंचकर अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों का स्वाद चखा, खिलौनों की खरीददारी की और झूला झूले।
लग्जरी गाडिय़ां छोड़कर बैलगाड़ी की सवारी की
बिबडौद मेले में पहुंचने के लिए बैलगाड़ी से जाने की परंपरा प्राचीन है। हालांकि शहर से मेला स्थल की दूरी मात्र आठ किलोमीटर है, लेकिन बैलगाड़ी से यहां पहुंचना टू व्हीलर व फोर व्हीलर के मुकाबले काफी महंगा होता है। एक बैलगाड़ी का हजारों रुपए तक किराया लिया जाता है। समय भी ज्यादा लगता है। बावजूद मेले में जाने के लिए एक दिन पहले से ही बैलगाडिय़ां बुक हो जाती है।
थालियां बजाईं, लगाई रेस
बैलगाड़ियों को विशेष तौर पर सजाया गया था। बैलगाड़ियों में सवार लोग हाथों में थालियां लेकर बजाते हुए चल रहे थे। वहीं बैलगाड़ियों में एक दूसरे आगे निकलने की होड़ भी लगी। मंदिर में की गई आकर्षक विद्युत सज्जा से शाम ढलते ही मंदिर जगमगा उठा। बिबड़ौद तीर्थ से शोभायात्रा निकाली गई। इसमें धर्मालुजन भगवान केसरियानाथजी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। शाम को महाआरती की गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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