नई दिल्ली, 18अक्टूबर2019/ मध्य प्रदेश में जन्मे और महाराष्ट्र कैडर से IPS मनोज शर्मा की कहानी इस देश के हर युवा के लिए मिसाल है. बीते माह उनके ऊपर उनके ही साथी अनुराग पाठक ने एक किताब लिखी है. ‘12th फेल, हारा वही जो लड़ा नहीं’ शीर्षक से लिखी इस किताब में मनोज शर्मा की जिंदगी का हर वो संघर्ष दर्ज है जो एक आम इंसान को तोड़ देता है. लेकिन मनोज शर्मा ने जिंदगी में ऐसा यू टर्न लिया कि आईपीएस बन गए. आइए जानें- मनोज शर्मा के सफल होने की कहानी.
आपको बता दें कि मनोज शर्मा 2005 बैच के महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस हैं. वो फिलहाल मुंबई में एडिशनल कमिश्रनर ऑफ वेस्ट रीजन के पद पर तैनात हैं. उनकी बचपन की कहानी बेहद संघर्ष भरी है. उनका जन्म मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में हुआ था. पढ़ाई के दौरान ही वो नौवीं, दसवीं और 11वीं में थर्ड डिवीजन में पास हुए थे. फिर 12वीं में भी इसलिए फेल हो गए क्योंकि नकल नहीं हो सकी.
यूं लिया फैसला
एक वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि हम लोगों ने तय करके रखा था कि 12वीं में नकल से पास हो जाएंगे. हमें पता था कि कहां गाइड रखनी है, कहां पर्ची छुपानी है. सोचा था कि 12वीं पास करके टाइपिंग सीखकर कहीं न कहीं जॉब कर लेंगे. जहां से जीवनयापन चल सके. लेकिन इलाके के एसडीएम ने स्कूल को टारगेट करके नकल नहीं करने दी. तभी मुझे लगा कि इतना बड़ा आदमी कौन है जो इतना पावरफुल है कि इसकी सब मान रहे हैं. तब मुझे लगा कि अब तो इतना ही पावरफुल बनना है.
वो आगे बताते हैं कि 12वीं में फेल होने के बाद रोजी रोटी के लिए मैं और मेरे भाई टेंपो चलाते थे. वहां एक दिन हमारा टेंपो पकड़ गया तो मैंने सोचा कि एसडीएम से कहकर छुड़ा सकते हैं. मैं उनसे गया तो टेंपो छुड़वाने की बात करने था लेकिन ये कह ही नहीं पाया. बस उनसे सिर्फ ये ही पूछा कि आपने कैसे तैयारी की. मैंने उनसे ये भी नहीं कहा कि 12वीं में फेल हो गया हूं. मन में तय कर लिया कि अब यही करूंगा.
बस, कुछ ही दिन में अपने घर से थैला लेकर ग्वालियर आ गया. यहां पैसे और खर्च न होने के कारण मैं मंदिर के भिखारियों के पास सोता था. फिर ऐसा वक्त भी आया जब मेरे पास खाने तक को नहीं होता था. लेकिन किस्मत थी कि यहां लाइब्रेरियन कम चपरासी का काम मिल गया. मैं जब कवियों या विद्वानों की सभाएं होती थीं तो उनके लिए बिस्तर बिछाना और पानी पिलाने का काम करता था.
यहां लाइब्रेरी में गोर्की और अब्राहम लिंकन को पढ़कर लगता था कि हम इनकी तरह क्यों नहीं बन सकते. यहां मैंने मुक्तिबोध जैसे कवि के बारे में जाना. फिर मैंने तैयारी करनी शुरू की. सोचा था कि एसडीएम ही बनना है. लेकिन धीरे धीरे तैयारी उच्च लेवल पर जाने लगी. वो कहते हैं कि लेकिन 12वीं फेल का ठप्पा मेरा पीछे नहीं छोड़ता था. यहां तक कि जिस लड़की से प्यार करता था, उससे भी दिल की बात नहीं कह पाता था क्योंकि लगता था कि कहीं वो कह न दे कि 12वीं फेल हो. इसलिए पढ़ाई शुरू कर दी.
किया कुत्ते टहलाने का काम
वो किसी तरह संघर्ष करके दिल्ली तक आ गए. यहां आकर भी पैसे की जरूरत थी तो बड़े घरों में कुत्ते टहलाने का काम मिल गया. वहां 400 रुपये प्रति कुत्ता खर्च मिल जाता था. मेरे सर विकास दिव्यकीर्ति ने बिना फीस एडमिशन दे दिया. पहले अटेंप्ट में प्री निकाल दिया.लेकिन दूसरे, तीसरे अटेंप्ट में प्यार हो जाने के कारण प्री में ही नहीं हुआ. मैं जब चौथी बार में प्री निकाल पाया, फिर मेन्स देने गया तो उसमें 100 नंबर का टूरिज्म पर निबंध लिखना था, टेरेरिज्म पर निबंध लिख दिया. इसकी वजह थी कि अंग्रेजी में बहुत कमजोर था.
फिर यूं लिया जिंदगी ने यू टर्न
वो बताते हैं कि मैं जिस लड़की से प्यार करता था मैंने उससे कहा कि अगर तुम हां कर दो, मेरा साथ दो तो मैं दुनिया पलट सकता हूं, इस तरह मोहब्बत में जीत के बाद मैंने पढ़ाई शुरू कर दी और चौथे अटेम्प्ट में आईपीएस बन गया.
मनोज शर्मा पर किताब लिखने वाले अनुराग पाठक ने एक इंटरव्यू में कहा कि आज युवकों को इनकी कहानी जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि आज के समय में जब बच्चे पास नहीं हो पाते तो संशय में चले जाते हैं. इसको लिखने के पीछे मुझे उन्हें प्रेरित करने का उद्देश्य रहा है.
(साभार-आज तक)
Trending
- रतलाम का गोल्ड काॅम्प्लेक्स मालवा ही नहीं पूरे देश में पहचाना जाएगा – विधायक चेतन्य काश्यप,- शहर के वार्ड क्रमांक 35, 39, 40 एवं 49 में पहुंची विकास यात्रा
- महंगी हुई होम और कार लोन की ईएमआई, RBI ने फिर बढ़ाया रेपो रेट
- रतलाम: शहर के औद्योगिक थाना क्षेत्र अंतर्गत महेश नगर में 15 साल के किशोर को चाकू मारकर घायल किया
- रतलाम: सोशल मीडिया पर कमेंट को लेकर दो पक्षों में विवाद, रेडीमेड व्यापारी युवक की चाकू मारकर हत्या
- रतलाम: दो बत्ती चौपाटी पर लट्ठ और बेसबॉल लिए युवकों का समूह कर रहा था हुड़दंग, मारपीट के लिए किसी युवक की कर रहे थे तलाश, पुलिस ने बलवे का प्रकरण किया दर्ज
- रतलाम: किराना दुकान पर सामान खरीदने के बहाने आए बाइक सवार बदमाश और महिला के गले से सोने की चेन खींच कर भाग गए
- रतलाम: विभाजित भूखण्डों की समस्या के निराकरण को लेकर शहर विधायक चेतन्य कश्यप ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, नियम में जल्द संशोधन की मांग
- भोपाल:प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्रियों को भी समान अधिकार का निर्णय,आवासहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हित के लिए सुराज नीति-2023 का अनुमोदन, मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक