रतलाम: बालम ककड़ी खाने के बाद भाई-बहन की मौत का मामला- परिजन व ग्रामीण कलेक्टोरेट में बैठे धरने पर, जाम लगाया- एएसपी ने सीढ़ियों पर बैठकर की चर्चा और समाप्त कराया धरना
रतलाम: बालम ककड़ी खाने के बाद भाई-बहन की मौत का मामला- परिजन व ग्रामीण कलेक्टोरेट में बैठे धरने पर, जाम लगाया- एएसपी ने सीढ़ियों पर बैठकर की चर्चा और समाप्त कराया धरना
रतलाम, 7अक्टूबर(खबरबाबा.काम)। बालम ककड़ी खाने के बाद 5 साल के बेटे की मौत और कल इलाज के दौरान 8 साल की बेटी की मौत से आहत परिजनों ने आज कलेक्टोरेट में प्रदर्शन कर रतलाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। करीब दो घंटे तक कलेक्टोरेट में जमीन पर बैठ नारेबाजी की।बाद में एएसपी राकेश खाखा ने कलेक्टोरेट की सीढ़ियों पर ग्रामीणों से चर्चा की और धरना समाप्त कराया।
आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों से बात करने एसडीएम अनिल भाना, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर आए। लेकिन ग्रामीण कलेक्टर राजेश बाथम को बुलाने की मांग पर अड़ गए। एसडीएम ने 4 से 5 लोगों को साथ ले जाकर कलेक्टर से मिलवाने को कहा। इस दौरान कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों को भी बुलाया। अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टर भी आए है कुछ लोग अंदर चल कर बातचीत करें। लेकिन ग्रामीण नहीं माने। कलेक्टर व डॉक्टरों को सबके सामने ही बुलाने की मांग पर अड़ गए। काफी देर तक जब कलेक्टर नहीं आए तो ग्रामीण जमीन पर बैठ गए।डॉक्टरों व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
परिजनों व ग्रामीणों का कहना था कि तीन दिन तक जब बच्ची मेडिकल कॉलेज में एडमिट रही तो डॉक्टरों ने इलाज क्या किया। उनके द्वारा इंदौर रेफर करने की बात भी झूठी है। आज हमारे साथ हुआ है कल से किसी ओर के साथ ना हो। इसलिए हम जांच की मांग कर लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों की सेवा समाप्त करने की मांग कर रहे है। बालिका के परिवार को मुआवजा भी दिया जाए। अधिकारी बार-बार समझाने आए। लेकिन ग्रामीण कलेक्टर को बुलाने की जिद पर अड़े रहे।
सड़क पर जाम लगाया
कलेक्टर के नहीं आने पर ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट के बाहर महू-नीमच फोरलेन पर जाकर बीच सड़क पर बैठ गए। 5 से 10 मिनट तक सड़क पर बैठे रहे। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहन खड़े हो गए। तब पुलिस ने बालिका के काका रवि पाटीदार व अन्य ग्रामीणों को समझाया। समझाइश पर सभी ग्रामीण मान गए और वापस कलेक्टोरेट में आए।
बालिका के काका रवि पाटीदार ने कहा कि हमारी मांग है कि डॉक्टरों को हमेशा के लिए ड्यूटी से हटाया जाए। दो से ढाई घंटे तक कलेक्टोरेट में बैठे रहे किसी ने बात नहीं सुनी। इसलिए सड़क पर आना पड़ा।
एडीएम व एएसपी सीढ़ियों पर बैठ सुनी बात
बाद में अपर कलेक्टर आरएस मंडलोई व एएसपी राकेश खाखा आए। कलेक्टोरेट की सीढ़ियों पर बैठे परिजनों व ग्रामीणों से चर्चा की। एएसपी खाखा ने ग्रामीणों व परिजनों से घटनाक्रम पूछा। उसके बाद उन्हें समझाया और पुलिस द्वारा 7 दिन में जांच का आश्वासन दिया। उसके बाद सभी माने। अधिकारी फिर कलेक्टर राजेश बाथम से मिलाने परिजन व कुछ ग्रामीणों को लेकर गए। ग्रामीणों से कलेक्टर ने चर्चा की। उन्हें आश्वास्त किया कि जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद ग्रामीण माने।
पुलिस भी करेगी जांच
एएसपी राकेश खाखा ने कहा कि ग्रामीणों ने मेडिकल कॉलेज से रिलेटेड शिकायत की है। कलेक्टर से मुलाकात कराई है। उनके द्वारा अपर कलेक्टर को जांच के लिए कहा है। पुलिस भी जांच कर बच्चों की मुत्यू के कारणों का पता लगाया जाएगा।
यह था मामला
बता दे कि रतलाम के जड़वासा कलां गांव में रहने वाले मांगीलाल पाटीदार (36) सोमवार शाम सैलाना-धामनोद रोड से बालम ककड़ी खरीदकर लाए थे। मंगलवार शाम मांगीलाल ने पत्नी कविता, बेटी दक्षिता (11), साक्षी (8) और बेटे क्रियांश (5) के साथ मिलकर बालम ककड़ी खाई। बुधवार सुबह करीब 5 बजे सभी को उल्टियां होने लगीं तो वे प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने दवा देकर घर लौटा दिया।
बुधवार रात 3 बजे कविता, बेटी दक्षिता, साक्षी और बेटे क्रियांश को फिर उल्टियां होने लगीं। परिजन चारों को लेकर मेडिकल अस्पताल पहुंचे। यहां सुबह 4 बजे डॉक्टरों ने क्रियांश को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद मां कविता को रतलाम के मेडिकल कॉलेज के सामान्य वार्ड में तो दोनों बेटियों को आईसीयू में एडमिट किया था।
छोटी बेटी साक्षी (8) के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने मेडिकल कॉलेज से बाहर सोनोग्राफी कराई। रिपोर्ट में किडनी में इंफेशन आया। तुरंत वड़ोदरा ले जाने को कहा। शनिवार को परिजनों वड़ोदरा लेकर जा रहे थे तब दाहोद से 5-7 किमी दूर पहुंचे ही थे कि रास्ते में बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। एंबुलेंस स्टाफ ने तुरंत दाहोद के हॉस्पिटल लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने बालिका को मृत घोषित कर दिया। परिजन रविवार सुबह पीएम कराकर दोपहर में गांव पहुंचे। बच्ची का अंतिम संस्कार किया।