रतलाम,22 मार्च (खबरबाबा. काम) । शहर के ओद्योगिक क्षेत्र थाने पर जमीनों की फर्जी तरीके से खरीद फरोख्त का रोचक मामला प्रकाश में आया है। इसमें मृत महिलाओं के नाम से नकली महिलाएं खड़ी करके प्लाट एवं बगीचे की हजारों वर्ग फीट जमीन बेच दी गई। प्लाट के असल मालिक ने एसपी गौरव तिवारी को मामले की शिकायत की, तो उन्होंने जांच करवाकर 6 नामजद लोगों सहित 10 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई। आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 419, 420, 465, 467, 468, 471 एवं 474 के तहत धोखाधड़ी कूटरचित दस्तावेज बनाने और उन्हें उपयोग में लाने सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।
ओद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी शर्मिला चौहान कनेश ने बताया कि शिकायतकर्ता हीरेंद्र पटेल पिता हरीप्रसाद पटेल निवासी राजेंद्र प्रसाद मार्ग रतलाम में एसपी को धोखाधड़ी पूर्वक राजगढ रतलाम स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में प्लाट क्रमांक 9 एवं बगीचे की जमीन फर्जी तरीके से बेचने की शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि आरोपी हरीश पिता घनश्याम निवासी भरावाकुई, विजयशंकर पिता ओमप्रकाश निवासी मंगलमूर्ति कॉलोनी, हेमंत कुमार पिता गोपाल चंद्र निवासी धानमंडी, मनोज पिता मोहनलाल निवासी कस्तूरबानगर, सुशीला बाई पति किशन निवासी डोसीगांव, शकुंतला बाई पति सत्यनारायण निवासी नयागांव राजगढ एवं 4 अन्य ओद्योगिक क्षेत्र रतलाम निवासी महिलाओं द्वारा मृत महिलाओं के नाम से प्लाट एवं बगीचे की जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है। चार अन्य महिलाओं के फोटो बगीचे व प्लाट की रजिस्ट्री में लगे हुए हैं।
इस शिकायत की एएसआई शरीफ खान ने जांच की। उन्होंने कॉलोनी में रहने वाले लोगों के बयान दर्ज किए और पाया कि आरोपी हरीश गुप्ता द्वारा प्रोफेसर गृह निर्माण समिति विद्या विहार नगर स्थित बगीचे की 6263 वर्गफीट जमीन मृत महिलाओ शांतिबाई, गंगाबाई एवं मोहनबाई तीनों निवासी डालूमोदी बाजार के स्थान पर नकली महिलाएं खड़ी कर बेची गई हैं। इन जमीनों के सौदे में क्रेता और विक्रेता की पहचान विजय शंकर पांडे, हेमंत कुमार ने रजिस्ट्रार कार्यालय में की थी। जमीन की रजिस्ट्री 27 फरवरी 2003 को हुई थी। प्लाट नंबर 9 की रजिस्ट्री हेमंत ने तीनों मृत महिलाओं के स्थान पर नकली महिलाएं खड़ी करके 8 मार्च 2006 को करवाई। इसमें भी क्रेता, विक्रेता की पहचान विजयशंकर ने मनोज के साथ मिलकर की थी। मृतक मोहनबाई के पुत्र विष्णुकुमार के अनुसार उसकी माता मोहनबाई, ताई गंगाबाई एवं शांतिबाई ने कभी कोई रजिस्ट्री संपादित नहीं की। रजिस्ट्री का कार्य विष्णुकुमार ने ही किया। आरोपियों ने षडयंत्र पूर्वक तीनों महिलाओं के नाम पर अन्य महिलाएं खड़ी कर बगीचे की जमीन एवं प्लाट की रजिस्ट्री करवाई थी। पुलिस ने इसपर सभी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
लंदन से आया प्लाट मालिक तो हुआ खुलासा
शिकायतकर्ता हिरेंद्र पटेल के अनुसार प्रोफेसर कॉलोनी का प्लाट क्रमांक 9 उसके भाई निलेश पिता हरीप्रसाद पटेल ने 20 सितंबर 2002 को कमलकिशोर उपाध्याय से खरीदा था। निलेश वर्तमान में लंदन में रहता है। हिरेंद्र एवं उसका भाई प्लाट देखने गए तो विजयशंकर ने उनके प्लाट को अपना बताया और कहा कि यह प्लाट हेमंत कुमार का है जो उसने शांतिबाई, गंगाबाई, मोहनबाई से खरीदा है। विजयशंकर ने प्लाट को अपना बताने के साथ दोनों भाईयों के साथ 22 अक्टूबर 2018 को दादागिरी भी की थी। इससे परेशान होकर निलेश पटेल वापस लंदन चला गया। विजयशंकर ने बाद में हिरेंद्र पटेल को प्लाट के लिए 25 लाख रुपए देने या 25 साल कोर्ट में चक्कर खाने की धमकी भी दी थी। इसके बाद हिरेंद्र ने पुलिस की शरण ली तो प्लाट के साथ बगीचे की जमीन के लिए की गई धोखाधड़ी भी उजागर हो गई।
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