नई दिल्ली: एनसीआर में जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट्स में घर खरीदारों के लिए थोड़ी राहत की किरण दिख रही है. आज सरकार की तरफ से इस मामले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बड़ा बयान दिया है. अरुण जेटली ने कहा है कि जेपी बिल्डर्स के जिन प्रोजेक्ट्स में लोगों ने पैसा लगाया है उन्हें फ्लैट मिलना चाहिए. सरकार की सहानुभूति भी घर खरीदारों के साथ है. ये बयान इसलिए अहम है क्योंकि बिल्डरों के बकाये के कारण कई बैंक बिल्डरों की संपत्तियों पर कब्जा करने की तैयारी कर रहे हैं. पहली बार जेपी विवाद पर वित्त मंत्री अरुण जेटली का बयान आया है.
जेपी के प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाए हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा घर खरीदार जेपी के सेल्स और मार्केटिंग ऑफिसेज के चक्कर लगा रहे हैं. पर वहां से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से उनकी चिंता और बढ़ रही है.
जेपी इंफ्राटेक के घर खरीदारों को दावा ठोंकने के लिए 24 अगस्त तक का समय
जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दिवालिया समाधान प्रक्रिया के फैसले के तहत बैंकों, कर्मचारियों और घर खरीदने वाले समेत सभी पक्षों को अपना दावा पेश करने का मौका मिलेगा. दावों के लिए विभिन्न पक्षों के लिए अलग-अलग फॉर्म है. मसलन घर खरीदने वालों को फॉर्म बी भरना होगा, जबकि बैकों और वित्तीय संस्थाओं को फॉर्म सी और कर्मचारियों को फॉर्म डी भरना है. ये सभी फॉर्म www.ibbi.gov.in वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं. बैंक व वित्तीय संस्थाओं को केवल इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही फॉर्म भरने का विकल्प है जबकि बाकी सभी व्यक्तिगत तौर पर, डाक के द्वारा या फिर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दावा पेश कर सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फॉर्म भेजने के लिए आप ईमेल आईडी IRPJIL@bsraffliates.com का इस्तेमाल कर सकते हैं.
एबीपी न्यूज ने भी इस बारे में जेपी ग्रुप से बात करने की कोशिश की पर किसी इस मामले पर जवाब देने के लिए मौजूद नहीं है. ऐसे में फ्लैट खरीदारों को ज्यादा चिंता हो रही है. अब सरकार के स्थिति साफ करने से फ्लैट खरीदारों को थोड़ी तो राहत मिलेगी क्योंकि उनको सबसे बड़ी चिंता यही थी कि अगर बैंक जेपी की प्रॉपर्टीज पर कब्जा हो जाएगा तो बैंकों की कर्ज वसूली हो जाएगी पर घर खरीदारों का क्या होगा. उनके लगाए हुए पैसे और घर खरीदने के सपने का क्या अंजाम होगा.
क्या है पूरा मामला
दिल्ली से सटे नोएडा ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-फ्लैट खरीदारों का विवाद जमकर चल रहा है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जेपी इंफ्राटेक या जेपी बिल्डर्स को दिवालिया घोषित होने की कगार पर कंपनियों की लिस्ट में डाल दिया है. नोएडा के जेपी बिल्डर के हालात 9 महीने में हालात नहीं बदले तो इसकी संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी. जेपी बिल्डर्स में घर खरीदने वाले हजारों लोग के पैसे और फ्लैट फंसे हुए हैं.
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