रतलाम(खबरबाबा.काम)। आमतौर पर यह माना जाता है कि कोबरा सर्प यदि किसी का कांट ले तो वह पानी भी नहीं मांगता है, लेकिन जिला चिकित्सालय के डॉक्टर ने अथक प्रयास के बाद कोबरा सर्प के जहर की शिकार महिला को काल के मुंह से जाते-जाते छीन लिया। महिला पूरी तरह स्वस्थ है और उसने खाना पीना भी प्रारंभ कर दिया है।
समीपस्थ ग्राम सागडवाडा निवासी 32 वर्षीय सीताबाई पति मानाजी गुरूवार को खेत पर सोयाबीन की फसल के बीच कार्य कर रही थी। इस दौरान विषैले सर्प की श्रेणी के कोबरा सर्प ने उसके सीधे हाथ की उंगली में कांट लिया। कुछ ही देर बाद महिला अचेत हो गई। उसके परिजन दोपहर करीब 3.30 बजे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले आये। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने परीक्षण किया और पाया की महिला की स्थिति बहुत गंभीर है। इसी दौरान गहन चिकित्सा इकाई में मरीजों का परीक्षण कर रहे सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर को ड्यूटी डॉक्टर ने सूचित किया। उन्होंने तत्काल महिला को सीसीयू में लेते हुए गले में ट्यूब डालकर अंबूबेग की सहायता से कृत्रिम सांस देना प्रारंभ की। साथ आवश्यक दंवाई पर प्रारंभ की। डॉ. चंदेलकर के एक-डेढ घंटे से अथक प्रयास के बाद महिला की सांस की स्थिती में सुधार होने लगा और उसने हाथ-पैर हिलाना प्रारंभ किये। महिला को लभगभ पांच घंटे एनट्यूबेट कर कृत्रिम सांस पर रखा गया। इसके बाद महिला के जब सभी अंग वापस कार्य करने लगे तो गले में लगाई गई नली को निकाला गया। शुक्रवार सुबह महिला की स्थिती में सुधार के बाद एनसीडी वार्ड में शिफ्ट कर दिया और उसको पानी और दलिया खाने को दिया गया। महिला को फिलहाल एक-दो दिन और डॉक्टर अपनी देखरेख में अस्पताल में रखेंगे।
रक्त में तेजी से जहर फैलने लगता है
सीताबाई का उपचार करने वाले सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि, कोबरा जैसा विषैला सर्प जब भी किसी को कांटता है उसके दांत से जहर इंसान के खून में मिल जाता है और तेजी वह पीडित में रक्त में घूल जाता है। जिसे पीडित के शरीर के एक-एक कर अंग काम करना बंद करने लगते है और कुछ ही देर में सर्प का शिकार रोगी दमतोड देता है। ऐसे रोगी को तुरंत चिकित्सकीय सहायता मिल जाये तो उसे बचाया जा सकता है। सीताबाई एक ऐसा ही उदाहरण है। डॉ. चंदेलकर ने बताया कि, यदि 10 मिनिट बाद सीताबाई को अस्पताल लाया जाता तो उसके बचाया नहीं जा सकता था। उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि कैसे भी सर्प कांटे तो पीडित को झाड फूंक करने वालों के पास ले जाने की बजाय जल्द से जल्द सीधे डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए। जिसे समय रहते उसके प्राण बचाये जा सकते है।
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