अक्सर आपने देखा होगा कि बचपन में लगभग हर बच्चा हकलाकर या अटक-अटक कर बोलता है। बचपन में तो यह अच्छा लगता है। हकलाने और अटक-अटक कर बोलने की बीमारी अधिकतर बच्चों में पाई जाती है और हकलाने वाले बच्चों के माता-पिता को बच्चों की यह बीमारी परेशानी में डाल देती है, और बच्चों को निराशा से भर देती है साथ ही बच्चों में यह बीमारी इतनी गहन भावनाएं पैदा करती है कि विचारों और अनुभवों को शब्दों में परवर्तित करना मुश्किल हो जाता है लेकिन अाप कुछ घरेलू तरीके अपनाकर अपने बच्चे को इस बीमारी से छुटकारा दिला सकते है।
१. कोथमीर के कुछ बीज लेकर पाम कैंडी वल्लाराई के पत्तों में रखकर चबाने से हकलाहट की समस्या दूर हो जाती है। इसके साथ ही आप वल्लाराई के पत्तों को धुप में सुखा लें और इनका पाउडर बनाकर नियमित रूप से बच्चे को खाने के लिए दें।
२. गुनगुने ब्राह्मी तेल से सिर पर 30 से 40 मिनट तक मालिश करें। उसके बाद गुनगुने पानी से नहा लें। इससे स्मरण शक्ति में सुधार होता है और अटककर और हकलाने से छुटकारा मिल जाता है।
३. सोने से पहले छुआरों का सेवन करें पर कम से कम 2 घंटों तक पानी न पीए। इससे आवाज़ भी साफ़ हो जाएगी और हकलाहट भी दूर हो जाएगी।
४. सूर्य की तरफ पीठ करके एक आइना पकड़कर और मुंह खोलकर ऐसी स्थिति में बैठें ताकि सूर्य की रोशनी आईने से प्रतिम्बिबित होकर आपके खुले मुंह में प्रवेश करे। आपकी जीभ को सुचारू रूप से कार्यशील करने के लिए यह उपाय सबसे अच्छा है।
५. हकलाहट दूर करने के लिए 1 चम्मच सारस्वत चूर्ण लें और उसमें आधा चम्मच ब्राह्मी किरुथम शहद मिलाएं। इस मिश्रण को चावल के गोले के साथ अपने बच्चे को खिलाएं।
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