रतलाम(खबरबाबा.कॉम)(राजेश जैन)।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर जिले में प्रवास के दौरान घोषणा की है कि जो भी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सूचना देगा उसे 1 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा ।मुख्यमंत्री की इस घोषणा को क्या समझ जाएं? अपनी सरकार में चरम पर पहुच चुके भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में नाकामी पर पर्दा डालने की कोशिश या फिर एक ऐसा जुमला जो काजल की कोठरी में घिरे स्वयम को बेदाग साबित कर 2018 के चुनाव में चौथी बार काबिज होने की रणनीति का एक हिस्सा ?
क्या मुख्यमंत्री अपनी ही सरकार में प्रशासन के निचले स्तर पर फैले भ्रष्टाचार को समाप्त करने में असफल सिद्ध हुए है ?यह मंथन करने वाली बात है क्योंकि जब एक अपराधी को पुलिस पकड़ने में नाकाम रहती है और उसके तमाम प्रयास विफल हो जाते है तो फिर वह जनता पर निर्भर हो जाती है और घोषणा करती है कि यदि फलां अपराधी के संबंध में जो कोई व्यक्ति सूचना देगा उसे नगद इनाम दिया जाएगा ।शायद मुख्यमंत्री अपनी ही सरकार के भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों को ढूंढ नही पा रहे है इसीलिए उन्हें भी अब जनता का सहारा लेना पड़ रहा है ।बड़े ही ताज्जुब की बात है कि मुख्यमंत्रीजी को इतना भी पता नही है कि उनकी सरकार के शातिर भ्रष्ट अफसर आम जनता को अपने भ्रष्ट होने का सबूत आसानी से दे देंगे क्या ? लेकिन एक बात तो है मुख्यमंत्रीजी ने आम लोगो को जासूसी करने का लाइसेंस देकर बिना तनख्वाह का रोजगार जरूर दे दिया है । उत्साही लोग विभागों के चक्कर लगाकर भ्रष्ट अफसरों की शिकायत करेंगे और दूसरा भ्रष्ट अफसर उसकी जांच करेगा और भ्रष्टाचार करकर उस भ्रष्ट अफसर को क्लीन चिट दे देगा और इसमें कोई आश्चर्य नही होना चाहिए कि सूचना देने वाले उस आम आदमी के खिलाफ झूठी शिकायत करने का आरोप लग जाये और वह सलाखों के पीछे चला जाये।क्या शिवराज सरकार इतनी असहाय हो चुकी है कि वह भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान भी नही कर पा रही और उन्हें अंजाम तक भी नही पहुंचा पा रही । सब कुछ आंखों के सामने हो रहा है लेकिन जब आंखे ही मूंद ली जाए तो दिखेगा कैसे ? संपत्ति के पंजीयन विभाग को ही ले लीजिए । सब कुछ ऑनलाइन है, किसी भी संपत्ति के पंजीयन की स्टाम्प ड्यूटी गाइड लाइन से कम नही हो सकती यानी कि एक पैसे की भी चोरी नही हो सकती लेकिन फिर भी संपत्ति क्रय करने वाले को स्टाम्प ड्यूटी का आधा प्रतिशत रिश्वत के रूप में विभागीय अधिकारियों को देना पड़ता है । रतलाम ही नही पूरे प्रदेश में रिश्वत का ये खुला खेल चल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्रीजी आप जैसे किसी भी ईमानदार नेता या अधिकारी ने दशकों से चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल को खत्म करना तो दूर संज्ञान तक लेने की हिम्मत नही जुटाई । मुख्यमंत्री जी हमारे इस लेख को शिकायत समझकर ही ले लेना ।और गोपनीय जांच कर लेना, यदि शिकायत सही मील तो हमे नही चाहिए इनाम। बस यह सुरक्षित भ्रष्टाचार आपकी पहल और हिम्मत से समाप्त हो जाय तो प्रदेश की जनता को आपकी घोषणा पर विश्वास हो जाएगा वरना आपकी घोषणा जुमला बन कर ही रह जाएगी ।
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