रतलाम, 29 मई(खबरबाबा.काम)। 1 से 10 जून तक होने वाले संभावित किसान आंदोलन को देखते हुए मंगलवार शाम जिला एवं पुलिस प्रशासन ने किसान प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की । प्रशासन ने किसानों की समस्याओं को सुनने के साथ ही अांदोलन को लेकर सुझाव भी लिए। बैठक में कलेक्टर और एसपी ने साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्वक तरीके से अपनी मांग रखने और आंदोलन करने का हक सभी को है, लेकिन यदि हिंसा हुई तो प्रशासन की और से तत्काल कांउटर एक्शन होगा। बैठक में आंदोलन को शांतिपूर्वक रखने के लिए गांवो में चौपाल लगाने सहित अन्य निर्णय भी हुए। बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने भी खुलकर अपनी बात रखी। बैठक में राजनीतिक खिंचतान भी देखने को मिली।
मंगलवार शाम 5 बजे कलेक्टोरेट सभाग्रह में हुई किसान प्रतिनिधियों बैठक की शुरुआत करते हुए एडीएम डां. कैलाश बुंदैला ने कहा कि किसानों की समस्याएं है और यदि वे शांतिपूर्वक रुप से आंदोलन करते हुए अपनी बात रखते है तो प्रशासन भी पुरा सहयोग करेगा। इसलिए ही यह बैठक बुलाई गई है कि किसान आंदोलन के दस दिन में एसी कोई घटना न हो जिससे जिले की गरीमा को ठेस पहुंचे। यदि आंदोलन की आड़ में कानुन को तोड़ते हुए कुछ काम होगा तो जनता की सुरक्षा के लिए प्रशासन को एक्शन लेना होगा। उन्होने किसान प्रतिनिधियों से भी अपनी बात रखने के लिए कहा। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा,एएसपी डां. राजेश सहाय, एएसपी प्रदीप शर्मा, जावरा सीएसपी आशुतोष बागरी, प्रशिक्षु आईपीएस अमित तौलानी, भाजपा जिला अध्यक्ष कान्हसिंह चौहान, एसडीएम अनिल भाना, ग्रामीण एसडीएम नेहा भारतीय, तहसीलदार अजय हिंगे आदी भी मौजुद थे।
किस ने क्या कहा
किसान आंदोलन के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन गांवों में जाकर चौपाल पर किसानों से चर्चा करें और उनकी बात सुने।
-धर्मेन्द्रसिंह देवड़ा, किसान मोर्चा जिला महामंत्री
आज किसान शोषित और पीड़ीत है। वह अपनी बात कहने किसके पास जाए। उसे फसल के भाव बराबर नहीं मिल रहे है। हम हिसां में विश्वास नहीं रखते है। किसान दूध, सब्जी और अनाज सड़क पर नहीं फेंक सकता। हमारी प्रशासन से यही अपेक्षा है कि किसानों की बात सूनना चाहिए। किसान जब बहुत पीडि़त होता है तो आंदोलन के लिए मजबूर होता है। किसानों को दबाया नहीं जाना चाहिए।
-रामचंद्र धाकड़, किसान कांग्रेस जिला अध्यक्ष
देखने में आया है कि कई बार सोशल मीडिया के द्वारा छोटी सी बात दुसरे रुप में पेश होकर बड़ी हो जाती है, इसलिए सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखे जाने की जरुरत है।
-मोतीलाल पाटीदार, तितरी
यदि किसी के पास किसी भी तरह की कोई सूचना आती है तो वो तत्काल पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सूचित करें, तत्काल कार्रवाई होगी और सूचना की गोपनीयता भी रखी जाएगी।
-डां. राजेश सहाय, एएसपी रतलाम
कई बार बाहर से कुछ तत्व आकर भी उपद्रव कर जाते है, इस तरह की कोई भी सूचना मिलती है तो प्रशासन को अवगत कराए।
-आशुतोष बागरी, सीएसपी जावरा
राजनीतिक खींचतान भी देखने को मिली
बैठक के दौरान राजनीतिक खिंचतान भी देखने को मिली। किसान बालू डोडिया ने कहा कि पूर्व के किसान आंदोलन में हिसंा की नोबत क्यो आई इस पर भी विचार करना होगा। ईश्वर पटेल ने कहा कि किसान हिंसात्मक आंदोलन नहीं करते, उनकी आड़ में दूसरे दल के लोग करते है। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष विरेन्द्रसिंह सोलंकी ने कहा कि मैं सभी की बात सुन रहा हूं, मुझे एसा लग रहा है कि किसानों से चर्चा नहीं बल्कि भाजपा का सम्मेलन हो रहा है। बैठक में अधिकांश भाजपा के नेता है, जो यह बता रहे है कि सब कुछ अच्छा चल रहा है। यदि सब कुछ अच्छा होता तो किसानों को आंदोलन की जरुरत क्यों पड़ती। सोलंकी ने कहा कि किसानों को उनकी बात कहने से दबाया नहीं जाए। कांग्रेस विपक्ष में है और जब और जहां मौका मिलेगा, कांग्रेस कार्यकर्ता वहां खड़ा होगा, इसमें कोई अपराध नहीं है। प्रशासन दबाव बनाने के बजाय सांमजस्य बनाए। राजनीतिक खिंचतान देख ग्राम धराड़ के शांतिलाल पाटीदार ने कहा कि यहां राजनीति से उपर उठकर बात करें। हम सभी को मिलकर व्यवस्था बनानी है और इसलिए अपने सुझाव दे। बैठक में राजनीतिक खिंचतान देख कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान और एडीएम डां. कैलाश बुंदैला ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि संविधान के दायरे में रहकर सभी को आंदोलन और अपनी बात कहने का हक है, कानुन के दायरे से बाहर जाकर अगर कुछ होगा तो हमें आना पड़ेगा।
प्रशासन ने कहा हमने रणनीति बना रखी है
किसान प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि आंदोलन को लेकर प्रशासन से अपनी रणनीति बना रखी है। शांतिपूर्वक और लोकतांत्रित तरीके से आंदोलन होना चाहिए। आंदोलन के दौरान हेल्पलाइन नम्बर 270406 पुरे समय चालु रहेगा, किसी को भी कोई समस्या आती है तो वह इस पर बता सकता है। कलेक्टर से साफ शब्दो में कहा कि हिसां हुई तो तत्काल कांउटर एक्शन होगा। एसपी अमित सिंह ने बैठक में कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्वक आंदोलन करना सभी का हक है, लेकिन डंडे के बल पर आंदोलन कराना, हिंसा कराना, गाडियों में आग लगाना सही नहीं है। कोई इसके सहारे राजनीतिक रोटियां सेक रहा है तो वह गलत है। यह शहर, प्रदेश और देश हम सभी का है, हमें हिसां से होने वाले नुकसान के बारे में भी सोचना होगा। एसपी सिंह ने कहा कि आंदोलन के दौरान सुबह साढे पांच से साढे 9 बजे तक गांवो में चौपाल लगाएगें और किसानो से वन-टू-वन चर्चा भी करेगें।