रतलाम, 8 मई(खबरबाबा.काम)। जिला पंचायत सभागार में एक बार फिर से बैठक के दौरान जनप्रतिनिधि, अधिकारियों की उदासीनता पर नाराज होकर बिफर गए। मंगलवार को जिला पंचायत सभागृह में शिक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई, लेकिन आधे अधिकारी पहुंचे ही नहीं और एजेंडा भी तत्काल दिया गया। इस पर नाराज अध्यक्ष सहित सभी सदस्य बैठक छोड़कर कलेक्टर के पास पहुंच गए। कलेक्टर ने भी सदस्यों की शिकायत पर तत्काल जिपं सीईओ को बुलाया और जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
मंगलवार दोपहर शिक्षा समिति की बैठक जिला पंचायत में प्रारंभ हुई। समिति अध्यक्ष जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ सहित सभी सदस्य पंहुचे, लेकिन सभी ने आते ही शिकायत दर्ज करवाई कि एक सप्ताह पहले दिया जाने वाला एजेंडा उन्हें बैठक शुरु होने के बाद दिया गया। सदस्यों ने कहा कि एजेंडा नहीं मिलने से बैठक में बहस भी नहीं कर पाते हैं। इसके बाद बैठक प्रारंभ हुई तो जानकारी मिली कि आदिवासी विकास विभाग जीएस डामोर के सहायक आयुक्त और डीपीसी ऋषीकुमार त्रिपाठी बैठक में पहुंचे ही नहीं है। दोनों अधिकारियों ने अपने प्रतिनिधियों को बैठक में भेज दिया। समिति अध्यक्ष के सवाल पर जब प्रतिनिधि भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके तो सभी सदस्य भड़क गए। सदस्यों ने कहा कि हर बार बैठक में अधिकारी खुद नहीं आते हैं। ऐसे में विभाग में चल बैठक में केवल कागजी औपचारिकता के अलावा कोई काम नहीं हो रहा है।
कलेक्टर को बताई समस्याएं
नाराज सदस्यों ने कलेक्टर से भेंट कर उन्हें समस्या बताई। श्री धाकड़ ने कहा कि पिछले साल नवंबर में शिक्षा समिति की बैठक हुई थी। इसके बाद से लगातार अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। बैठक के पहले एजेंडा नहीं दिया जाता है। बैठक में जिन प्रस्तावों पर निर्णय की सहमति बनती है, अगली बैठक में उनके बारे में कोई जानकारी ही नहीं दी जाती। सदस्य चांदनी जैन, आशा भगौरा, बालाराम पाटीदार, आशा भगौरा आदि ने कहा कि उन्होंने जो सवाल पिछली बैठकों में किए, उनके जवाब इस बैठक तक भी अधिकारी नहीं दे रहे हैं। श्री धाकड़ ने बताया कि उनके द्वारा छात्रावासों के निरीक्षण में खामियों, घटिया सड़क निर्माण आदि के सवालों पर भी कोई जवाब नहीं मिला है। कलेक्टर ने इसपर जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा को बुलवाकर उन्हें संबंधित अधिकारियों को तत्काल नोटिस जारी कर जवाब तलब करने के निर्देश दिए।