रतलाम, 24 अगस्त(खबरबाबा.काम)। दीक्षा दानेश्वरी, आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी म.सा.की प्रेरणा ने रतलाम में तपस्या का किर्तीमान रच दिया। श्री साधुमार्गी जैन श्री संघ के तत्वावधान में आयोजित संयम साधना महोत्सव में शुक्रवार को गर्म जल के आधार पर 61 गुरूभक्तों ने एक साथ मासक्षमण की दीर्घ तपस्या पूर्ण की। उनके तप की अनुमोदना कई उपवास और तेले करके की कई। श्री संघ ने रतलाम का गौरव बढ़ाने वाले सभी तपस्वियों का सम्मान किया।
आचार्यश्री की प्रेरणा से हुई इस विराट तप आराधना में जैनेतर शेलेंद्र शर्मा ने भी मासक्षमण किया। कुल 31 युवा तपस्वी रहे और इनमें 4 अविवाहित भी है। अब तक कुल 86 मासक्षमण हो चुके है, जिनमें 57 महिलाओं तथा 29 पुरूषों ने किए है। सबसे बड़ी 51 उपवास की तपस्या पुष्पा पगारिया ने की, जबकि सबसे कम उम्र में 16 वर्षीय तनवी कटारिया ने मासक्षमण किया। चार परिवारों में दंपत्तियों महेन्द्र-ममता भंडारी, नवल-कुसुम गांधी, मंगल-संगीता मूणत एवं चंदनमल-कांताबेन पटवा ने एक साथ मासक्षमण किया। दीर्घ तपस्याओं के साथ 25 दया के मासक्षमण, 1 आयंबिल का मासक्षमण, 46 एकासना के मासक्षमण भी संपन्न हुए।
तप अनुमोदना कार्यक्रम को चातुर्मास संयोजक महेंद्र गादिया, श्री संघ अध्यक्ष मदनलाल कटारिया, कांतिलाल छाजेड़,विनोद मेहता,चंदनमल पिरोदिया, इंदिरा मांडोत, चंदनमल संघवी,तपस्वी साक्षी कटारिया आदि ने संबोधित किया। बरडिया परिवार,समता बहू मंडल एवं दयाव्रत गु्रप ने स्तवन प्रस्तुत किए। संचालन सुशील गौरेचा व महेश नाहटा द्वारा किया गया।
तप का फल हमेशा मिलता है- आचार्यश्री
आचार्यश्री ने कर्मों के बंधन और कर्माे की निर्झरा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि तप का फल हमेशा मिलता है। जीव नाना प्रकार की गोत्रों और जातियों में जन्म लेता है। उसे उनके नाम तक याद नहीं कर रह सकते। इतने जन्म कर्मों के कारण मिलते है। केवल मनुष्य जन्म में कर्म और धर्म का अर्थ समझा जा सकता है, इसलिए कर्म बांधने के बजाए कर्मों की निर्झरा करनी चाहिए। तप आराधना इसका श्रेष्ठ मार्ग है। कर्मों की निर्झरा केवल क्रिया करने से नहीं होती, उसके लिए भावों और विचारों में भी शुद्धता रखना आवश्यक है। श्री अटलमुनिजी म.सा.ने भी संबोधित किया। महासती वर्याओं ने श्री नंदनमुनिजी म.सा.का गुणानुवाद प्रस्तुत किया।
इन्होंने की मासक्षमण की तपस्या
अतुल पगारिया,अंगुरबाला मूणत, रूचि भालावत,शुभम गांधी, प्रगति कोठारी, मोनू कोठारी, संगीता मूणत, मयूरी छाजेड़, ताराबाई पटवा, किरण पिरोदिया, शिल्पा पिरोदिया, प्रतीक गांधी, तनवी कटारिया, निशी कोठारी, विमला बहन कोठारी, विजयकुमार सांड, अशोक गांधी, मंगल कुमार मूणत, शांतिलाल कटारिया, अनोखीलाल संघवी, निपुण मेहता, सचिन संघवी, मंयक मूणत, कांतिलाल मूणत, चंदा गौरेचा, योगिता कोठारी, लीलमदेवी भाणावत, मेघा गौरेचा, रूचिका डांगी, कलावती कटारिया, कुसुम गांधी, महेन्द्र भंडारी, सरोज कोठारी, संगीता खिमेसरा, खुशी मेर, वर्षा लसोड़, कांताबाई पटवा, शांताबाई कटारिया, श्रद्धा छाजेड़, प्रेक्षा कटारिया, सुदर्शन पिरोदिया, पूर्णिमा मूणत, तरूण पिरोदिया, चंदा मांडोत, राजेंद्र मूणत, कमल पटवा, सुनील पटवा, किरण बरडिया, दीपिका बोहरा, साक्षी कटारिया, नवल गांधी, चिंकी कटारिया,किरण गोखरू, नेहा पंवार, मंजुबेन गांधी, अरविंद पटवा, विनीत पितलिया, शेलेन्द्र शर्मा व मेघा चौपड़ा।
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