रतलाम,8मार्च(खबरबाबा.काम)। अब थाने के प्रभारी और डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी भी सप्ताह में एक दिन निश्चित तौर पर रात में गांव में विश्राम करेंगे। इसके लिए उन्हें एक महीने पहले से पूरा कार्यक्रम बनाकर देना होगा और डीआईजी, एसपी कभी भी औचक निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही पिछले 10 सालों के अनसुलझे हत्या और गंभीर अपराधों के प्रकरणों की फाईल दोबारा खुलेंगी।
यह बात रतलाम रेंज के नवागत डीआईजी गौरव राजपूत ने शुक्रवार को जिले के पुलिस अधिकारियों की पहली बैठक लेते हुए कही। इस दौरान एसपी गौरव तिवारी भी मौजूद थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार डीआईजी ने अनसुलझे आपराधिक प्रकरणों पर सभी पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में पूरी गंभीरता से प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक जो भी प्रकरण नहीं सुलझे हैं उनकी फाइल फिर से खोलकर विवेचना में लिया जाएगा। इसके साथ ही स्पष्ट किया कि थाना क्षेत्र में हत्या, लूट जैसे गंभीर अपराधों की विवेचना थाना प्रभारी खुद करेंगे, छोटे अपराधों की विवेचना ही एएसआई और एसआई स्तर के अधिकारियों से करवाया जाए।
देखकर ही झलके अनुशासन, प्रीएक्टिव करें काम…
डीआईजी श्री राजपूत ने अपनी पहली बैठक में जिले के सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अधीनस्थों को भी इस बात के लिए ताकीद करें कि उनके टर्नआउट से अनुशासन झलके। पुलिसकर्मी की वर्दी, चेहरे से लेकर जूते तक यूनिफार्म के अनुसार होना चाहिए जिसे देखकर ही आम लोगों में सम्मान का भाव जागे। उन्होंने कहा कि अब पुलिसिंग का नया दौर है। घटना होने के बाद पहुंचने के बजाय आप घटना न हो इसके लिए प्लानिंग करें। उन्होंने कहा कि अगर थाना क्षेत्र में तनाव की स्थिति लगे, त्यौहार आने वाला हो, बड़ी सभा या जलसा हो तो पहले से सभी पक्षों के साथ बातचीत कर, व्यवस्था बनाए। अपराधों को रोकने के लिए भी .सजगता से प्रयास करना जरूरी है।
गश्त की लगातार होगी मॉनीटरिंग…
डीआईजी ने निर्देशित किया कि शहर सहित जिले में और हाईवे पर भी गश्त का नया रूप दिया जाए। गश्त की लगातार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मॉनीटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर टीआई और अधिकारी के पास हर गांव के सरपंच, पंचो, ग्रामीणों के खास नंबर होने चाहिए जो उ्नहें गांव से संबंधिक ठीक जानकारी दे सकें। हर थाना क्षेत्र में दोबारा गुंडा लिस्ट बनेगी, और निगरानी बदमाशों की सूची बनेगी। इसमें सभी हिस्ट्रीशीटर बदमाशों के अलावा अलग-अलग केटेगरी अनुसार, रंगदारी, मारपीट, चोरी, आदतन अभद्रता, गंभीर अपराध करने वालों की पूरी जानकारी होना चाहिए।
थाना प्रभारी देर रात तक थाना क्षेत्र में रहे सक्रीय
डीआईजी गौरव राजपूत ने यह भी निर्देश दिया कि थाना प्रभारी को देर रात तक अपने थाना क्षेत्र में सक्रिय रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि अधिकांश घटनाएं रात के समय होती है ,ऐसे में थाना प्रभारी थाने पर या थाना क्षेत्र में देर रात तक मौजूद रहे। बैठक में एसपी गौरव तिवारी, सीएसपी जावरा आगम जैन, सीएसपी रतलाम मानसिंह, डीएसपी भूपेन्द्र सिंह राठौड़ सहित पूरे जिले के एसडीओपी, टीआई आदि मौजूद थे।
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