रतलाम 4 नवम्बर (खबरबाबा. काम) / जिला प्रशासन की पहल पर बच्चों के सामाजिक, नैतिक विकास और मूल्यों पर आधारित जीवन जीने के लिए प्रोजेक्ट पहल की शुरुआत रतलाम के गुरु रामदास पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की गई। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एवं पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी सोमवार की सुबह रतलाम के इंदिरा नगर स्थित गुरु रामदास पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे, वहां लगभग डेढ़ हजार पालकगण मौजूद थे।
कलेक्टर, एसपी ने बच्चों के माता-पिता को उद्बोधन देते हुए बच्चों में बचपन से ही उन मूल्यों का विकास करने पर जोर दिया, जिनसे कोई भी बच्चा संस्कारित बनता है, उन संस्कारों से समाज सशक्त होता है। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी के.सी. शर्मा, स्कूल प्रबंधन कमेटी के पदाधिकारी उपस्थित थे।
बच्चों का चरित्र निर्माण स्कूल तथा माता-पिता का दायित्व
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सामाजिक मूल्यों पर अपना प्रभावी उद्बोधन देते हुए पालकों और स्कूल प्रबंधकों से कहा कि जहां घर पर बच्चों का चरित्र निर्माण उनके माता-पिता का दायित्व है वही स्कूल प्रबंधन को भी उनका दायित्व वहन करना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चों के गलत व्यवहार को प्रोत्साहित कतई नहीं करें। घर पर मिलने वाला वातावरण बच्चों के जीवन पर गहरा असर डालता है। माता-पिता बच्चों के साथ फ्रेंडली रहे, उनकी बात सुने। यह जरूरी है कि माता-पिता सदैव सतर्क रहें, वॉच करें कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं। बच्चों का फ्रेंड सर्किल कैसा है, स्कूल में घटने वाली घटनाओं के संबंध में भी बच्चों से पूछताछ करते रहें। इसके साथ ही कलेक्टर ने बच्चों की डाइट के संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके लिए खासतौर पर माताओं को चाहिए कि वह घर में भोजन को बड़े प्रेम के साथ बनाएं।
कलेक्टर ने कहा कि बढ़ती उम्र में बच्चों का हार्मोनल परिवर्तन होता है, इसलिए माता-पिता को उनकी मानसिक स्थिति को सदैव समझते रहना चाहिए। स्कूल में आकर भी शिक्षकों से पूछा जाए कि उनके बच्चे का व्यवहार कैसा है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि बच्चों के माता-पिता अपने पड़ोसी से भी बच्चे के बारे में फीडबैक लेने में बुराई नहीं समझे। यदि उनका पड़ोसी बच्चे के बारे में कुछ जानकारी देता है तो बिना झिझक उसकी बात सुने।
बचपन में कानून तोड़ना सीखता है तो आगे अच्छा नागरिक नहीं बन सकता
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने इस अवसर पर बच्चों के पालकों से इस बात पर जोर देकर कहा कि वह बचपन से ही बच्चों को अनुशासित बनाएं, उनकी गलत आदतों को कतई प्रोत्साहित नहीं करें। यदि बच्चा बचपन से ही अनुशासनहीन रहता है तो वह आगे चलकर अच्छा नागरिक नहीं बन सकता, रोक-टोक करते रहना बेहद जरूरी है। जिस प्रकार सड़क पर एक पुलिसमैन नागरिकों को गलत यातायात व्यवहार पर रोक-टोक करता है वैसी ही रोक तो बच्चों के जीवन सुधार के लिए माता-पिता को सदैव करते रहना चाहिए। कानून का पालन करने वाले नागरिक ही देश को महान बनाते हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माता-पिता यहां जरूर देखें कि उनका बच्चा किसके साथ उठता-बैठता है, किसके साथ खाता-पीता है। एक संस्कारित बच्चे के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है अन्यथा बच्चे आगे चलकर समाज और परिवार के लिए बोझ बन जाते हैं।
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि पालक अपने बच्चे के मोबाइल को भी रेंडम भी चेक करके देखते रहे कि मोबाइल में किस प्रकार के मैसेज आते-जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश के परिवारिक मूल्यों की कद्र पाश्चात्य समाज भी करता है। जो आपके बच्चे की कमी को बतलाए वह व्यक्ति आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए अपने पड़ोसी और बच्चे के शिक्षकों से उसकी कमियों के बारे में जरूर जानते रहें। पुलिस अधीक्षक ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों में इंसानियत का विकास हो। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती नीलिमा उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन कमेटी द्वारा कलेक्टर, एसपी को प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।