रतलाम,1फरवरी(खबरबाबा.काम)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश कर दिया है। बजट में सबसे महत्वपूर्ण बात टैक्स स्लैब में बदलाव है। हर कोई इसे विस्तार से समझना चाहता है। खबरबाबा.काम ने अपने पाठकों के लिए टैक्स स्लैब को लेकर वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स प्रमोद नाहर के माध्यम से सरल भाषा में टैक्स स्लैब को रखने की कोशिश की है।
वित्त मंत्री का यह बजट पूर्ण चुनावी परिपक्वता के साथ सबको खुश करने की दिशा को प्रदर्शित करता है। भारत सरकार की आर्थिक नीतियां और उनके क्रियान्वयन की कुशलता और भारतीय अर्थव्यवस्था, वर्तमान वैश्विक मंदी के दौर में ग्लोबल परिपेक्ष्य में अध्ययन का विषय बनती जा रही है। यह बजट कर संग्रहण के संतुलन और वितरण की कुशलता में दक्ष दिखाई देता है।
आयकर के परिपेक्ष्य में भारत में वर्तमान में 2 टैक्स रिजिम है ।जिसमे 1 विभिन्न रिबेट और छूट के लिए है और दूसरा सरलतम यह की किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं है ।नया रिजिम अब प्रमुख हो गया है ।हालाकि पुराना रिजिम अभी भी निरंतर रहेगा नए रिजिम के तहत 7 लाख की आयकर( बिना किसी छूट) के कोई टैक्स नहीं देना होगा, और पुराने टैक्स रिजीम के तहत भी 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं और 3 से 6 लाख की आय तक कर की दर 5 प्रतिशत 10 प्रतिशत और उसके बाद 20 और 30 प्रतिशत की दर से कर देना होगा विभिन्न परिस्थितियों में कर देयता को 2500 से 37500 रुपए तक का अलग अलग लाभ हुआ। यह यह भी याद रखना होगा की यह कर की डरे वित्तीय वर्ष 2023 24 के लिए है।
इसके साथ ही 2 करोड़ तक जो 6 और 8 प्रतिशत की दर से प्रॉफिट दिखाने वाले व्यवसायियों को बुक्स ऑफ अकाउंट्स रखने और ऑडिट की अनिवार्यता थी उसको बढ़ा कर 3 करोड़ किया गया। साथ ही MSME व्यवसायियों के लिए उधारी प्राप्त करना आसान हो इस हेतु प्रावधान किया गया है कि उन्हे अगर नियत समय में भुगतान नहीं किया गया तो भुगतान करने वाले को उसकी छूट उस वर्ष में प्राप्त नहीं होगी।
आयकर रिटर्न के लिए वर्तमान में द्रुतगति से प्रोसेसिंग की जा रही है और प्रोसेसिंग की यह समय सीमा 45 प्रतिशत केसेस में तो 24 घंटे में हो रही है यह काफी सुकून देने वाला है। तथापि जीएसटी में छोटे व्यवसायियों के लिए अतिरिक्त कोई राहत नहीं है और उनके लिए जीएसटी आज भी एक उलझनों से परिपूर्ण प्रक्रिया है जिससे राहत अपेक्षित है।
कुल मिला कर शिक्षा, स्वास्थ्य ,कृषि, रेलवे, स्टार्टअप, उद्यमों और आधारभूत संरचना के लिए प्रावधान के दूरगामी प्रभाव अवश्य होंगे । और यह बजट भारतवर्ष के विकास की गति को बढ़ाने में सहायक होगा।
सीए प्रमोद नाहर
वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स
पूर्व चेयरमैन रतलाम ब्रांच