रतलाम,5फरवरी(खबरबाबा.काम)। वर्ष 2023 के बजट पर एक परिचर्चा कर सलाहकार परिषद, रतलाम सीए शाखा के संयुक्त तत्वाधान में होटल समता सागर पैलेस पर आयोजीत की गई। परिषद अध्यक्ष काईद कांग्सवाला एवं सीए शाखा अध्यक्ष अंकित बरमेचा ने अपनी अपनी संस्था के बारे में बताया एवं अतिथियों का स्वागत किया।
प्रथम वक्ता सीए कीर्ति जोशी का परिचय शगुन बड़जात्या ने सदस्यो को बताया। ततपश्चात कीर्ति जोशी ने अप्रत्यक्ष कर पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि जीएसटी कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए एक छोटे व्यापारी जो जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है या कंपोजीशन ले रखा है वे भी ई-कॉमर्स ऑपरेटर जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट आदि के माध्यम से उसी स्टेट में अपनी वस्तुएं की सप्लाई कर सकेंगे | इससे छोटे व्यापारियों को भी बड़ा व्यापार करने का मौका मिलेगा |
जीएसटी कानून में धारा 21 एवं धारा 24 में कुछ नियम ऐसे थे जिसके कारण ऐसे व्यापारी या संस्थान जो केवल कर मुक्त वस्तु या सेवाओं की सप्लाई करते थे उन्हें भी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन लेकर रिटर्न फाइल करना पड़ता था परंतु अब ऐसे स्कूल-कॉलेज या अन्य संस्थान जिनका कोई प्रयोग सप्लाई नहीं है उन्हें जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं लेना होगा |
जीएसटी कानून में पिछले कुछ वर्षों में किसी भी वित्तीय कानून में सबसे अधिक लोगो को जेल की हवा खानी पड़ी है ।लगभग 800 से अधिक को 45 दिन औसतन जेल हुई है।
इस उद्बबोधन बाद दूसरे वक्ता सीए पंकज शाह का परिचय अभिषेक रांका ने सदस्यो को कराया। प्रत्यक्ष कर के वक्ता पंकज शाह ने अपने उधबोदन मे बताया कि इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं।
धारा 48 में एक प्रोविजो जोड़ा है कि यदि गृह ऋण पर लगे ब्याज की छूट धारा 24(b) में हाउस प्रॉपर्टी में या चैप्टर VIA की धारा 80C में ले ली हो तो, वह ब्याज कैपिटल एसेट की कॉस्ट ऑफ एक्वीजिशन या कॉस्ट ऑफ़ इम्प्रूवमेंट में नहीं जुड़ेगा।
धारा 54 व 54F की छूट के लिए खरीदी जाने वाली या कंस्ट्रक्शन किए जाने वाली नई हाउस प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट अगर 10 करोड़ से अधिक है, तो उसको इग्नोर कर दिया जाएगा। छूट के निर्धारण के लिए सिर्फ 10 करोड़ रुपये ही लिए जाएंगे।
1 अप्रैल 2023 के बाद ली गई बीमा पॉलिसी(यूनिट लिंक्ड इन्षुरेन्स प्लान के अलावा) का वार्षिक प्रीमियम अगर 5 लाख से अधिक है, तो परिपक्वता के समय धारा 10(10D) की छूट नहीं मिलेगी। वह परिपक्व राशि धारा 56(2)(xiii) के अनुसार टैक्सेबल होगी।
अगर 1 अप्रैल 2023 के बाद, एक से अधिक ऐसी पॉलिसी ली होंगी, जिसमे एग्रीगेट वार्षिक प्रीमियम ₹5 लाख से अधिक है, तो परिपक्वता के समय टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
धारा 43B में एक संशोधन है की यदि किसी MSME को पेमेंट देना है तो वो तभी खर्चे में कटौती योग्य माना जाएगा, जब एक्चुअल पेमेंट हो जाएगा।
धारा 44AD व 44ADA में संशोधन किया गया है, कि अगर, किसी करदाता, का 95% टर्नओवर या ग्रॉस रिसिट्स बैंकिंग चेन्नल से हों तो 44AD का बेनिफिट 2 करोड़ की बजाय 3 करोड़ तक के टर्नओवर तक मिल जाएगा और प्रोफेशनल को 50 लाख की बजाय 75 लाख तक की रिसिट्स पर मिल जाएगा।अगर किसी ट्रस्ट ने दूसरे ट्रस्ट को डोनेशन दिया है, तो उस डोनेशन का 85% ही एप्लिकेशन माना जाएगा। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद नाहर एवं संदीप मूणत ने किया।
परिचर्चा में गोपाल काकानी,टि.एच. खामोशी, विशाल जोशी, एस.एल. चपलोत, मोहित श्रीमाल, रजत बोराणा, राकेश भटेवरा, अरविंद मेहता, पुष्पराज छजलानी, जितेंद्र कासवा, प्रणीता जैन, सलोनी बड़जात्या, महक काकानी, हेमंत मेहता, नवीन पोखरना, संजय पटवा, अनिल पटवा, कमल नयन डागा, अंचल मूणत, अपूर्व मूणत, मेहुल पावेचा आदि उपस्ति्थित थे। अंत मे आभार अर्पित शर्मा ने मना।