नई दिल्ली,3अप्रैल(खबरबाबा.काम)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हीरक जयंती समारोह शिरकत की। इस दौरान उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलांग, पुणे और नागपुर में सीबीआई के नवनिर्मित कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। पीएम ने सीबीआई के हीरक जयंती समारोह पर डाक टिकट और एक स्मृति सिक्का भी जारी किया। इस दौरान सीबीआई का ट्वीटर अकाउंट भी लॉन्च किया गया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सीबीआई के कामकाज की खूब तारीफ की। भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘देश के प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर आपने (CBI) पूरा किया है। ये छह दशक निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। आज यहां CBI के मामलों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट का संग्रह भी जारी किया गया है। ये CBI के बीते वर्षों के सफर को दिखाता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले छह दशक में CBI ने बहु आयामी और बहु अनुशासनात्मक जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। आज CBI का दायरा बहुत बड़ा हो चुका है। महानगर से लेकर जंगल तक CBI को दौड़ना पड़ रहा है।’
भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बगैर नाम लिए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘साल 2014 के बाद हमारा पहला दायित्व, व्यवस्था में भरोसे को फिर कायम करने का रहा। इसलिए हमने काले धन को लेकर, बेनामी संपत्ति को लेकर मिशन मोड पर एक्शन शुरु किया। जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते। वहां सिर्फ एक विशेष इकोसिस्टम ही फलता-फूलता है। भ्रष्टाचार प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और यहीं से भाई-भतीजावाद, परिवारवाद को बल मिलता है। जब भाई-भतीजावाद और परिवारवाद बढ़ता है, तो समाज का, राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है। जब राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है तो विकास प्रभावित होता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुख्य रूप से CBI की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है। आपको कहीं भी हिचकने, कहीं रूकने की जरूरत नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है, अड़चने पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने पर, हमारी एकता और भाई-चारे पर, हमारे आर्थिक हितों पर और हमारे संस्थानों पर भी नित्य प्रहार बढ़ते चले जा रहे है… और इसमें जाहिर तौर पर भ्रष्टाचार का पैसा लगता है। इसलिए हमें क्राइम और करप्शन के मल्टी नेचर को समझना होगा और उसके रूटकॉज तक पहुंचना होगा।’