रतलाम, 30 जुलाई(खबरबाबा.काम)। वर्तमान दौर में जीवन में जर्नी तो है लेकिन जॉय नहीं रहा। हमारी अपेक्षा ही दुख का कारण है। अपेक्षा जितनी ज्यादा होगी उतना अधिक दुख होगा और जितनी कम होगी उतना ज्यादा सुख मिलेगा। यदि जर्नी में जॉय चाहिए तो फिजिकल, सोश्यल, इंच्युक्चल, ऑक्यूपेशनल और आध्यात्मिक वैलनेस प्राप्त करो।
यह बात सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में रविवार को आयोजित 2500 से अधिक युवाओ के तीसरे शिविर में आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा ने कही। आचार्य श्री ने कहा कि सब लोग तब तक ही अच्छे है जब तक उनसे कोई उम्मीद न रखे। वर्तमान दौर में हर किसी को सरस चाहिए, तुरंत चाहिए और मुफ्त चाहिए। हमें इतना ही क्यों मिला यह मत सोचो। हमें इतना भी कैसे मिला यह सोच ” जर्नी ऑफ जॉय ” है।
आचार्य श्री ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। भोगी, योगी और त्यागी सभी को निरोगी काया चाहिए। जान है तो जहान है। आज का युवा गुमराह हो रहा है। व्यसन की आदत से सीधे बचपन से बुढ़ापा आ रहा है। उनकी जवानी खत्म हो गई है। वर्तमान दौर में A, B, C, D के मायने बदल चुके हैं। A से अटैक, B से बाईपास, C से कोलेस्ट्रॉल, D से डायबिटीज और E से जिंदगी का एंड हो गया। जो शरीर के लिए हितकारी है, ऐसा आहार खाना चाहिए। मौसम के हिसाब से भोजन करें और जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम खाएं। नमक, शक्कर और मैदा किचन से हटा दो तो बीमारी दूर रहेगी।
आचार्य श्री ने कहा कि घर में यदि प्रेम रहेगा तो धन और यश भी आएगा। जिस घर में प्रेम नहीं, वह मुक्तिधाम है। व्यापार हो या नौकरी हर जगह वेलनेस नजर आनी चाहिए। हर काम में पैसा जरूरी है लेकिन अन्याय का नहीं। घर में यदि अस्पताल का बिल बढ़ रहा है तो स्वयं से पूछना कि पैसा न्याय का है या हाय का। सब कुछ यदि आपके पास होने के साथ मन की शांति भी जरूरी है। जब भी आप जाएगी जो आध्यात्मिक शक्ति ही बचाएगी। जीवन में यदि 5 वेलनेस प्राप्त हो गए तो आपकी जर्नी में जॉय होगा।
श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के तत्वावधान में आयोजित इस शिविर के लाभार्थी विधायक चेतन्य काश्यप एवं परिवार रहे | शिविर में युवाओ के साथ बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाए उपस्थित रहे।