5जून2024। साल 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को इस चुनाव में कम सीटें मिली हैं, लेकिन बीजेपी ने गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसी राज्यों में मिलने वाली सीटों की बदौलत फिर से सत्ता पाने में सफल रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दिया था, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी अकेले बहुमत का आंकड़ा नहीं पार सकी, बल्कि एनडीए का आंकड़ा 292 पर सिमट गया है. हालांकि इस आंकड़े से एनडीए आसानी से सरकार बना लेगी. इस चुनाव में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया गठबंधन का आंकड़ा बढ़ गया है. इंडिया गठबंधन का आंकड़ा करीब 233 तक पहुंच गया, जबकि अन्य को 17 सीटों से संतोष करना पड़ा. पांच साल पहले बीजेपी ने अकेली ही 303 सीटें हासिल कीं थी, लेकिन इस बार राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र और बंगाल में एनडीए गठबंधन को नुकसान का सामना करना पड़ा है, लेकिन ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बढ़त ने उसके नुकसान की भरपाई कर दी है.
इसके साथ ही बीजेपी ने गुजरात की 26 सीटों में से 25 पर जीत हासिल की. इसी तरह से मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की. इसी तरह से बिहार में एनडीए को नुकसान तो हुआ, लेकिन बीजेपी और जदयू ने कुल 24 सीटों पर जीत हासिल की.
पीएम नरेंद्र मोदी ने जीत के बाद बीजेपी मुख्यालय में अपने भाषण में ओडिशा और आंध्र प्रदेश की प्रशंसा की. बता दें कि ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक जीत हासिल की. राज्य में लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में बीजेपी को जीत मिली है. उसने मौजूदा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) को सत्ता से बाहर कर दिया है।
ओडिशा में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत
हालांकि चुनाव से पहले बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही थी, लेकिन अंततः समझौता नहीं हुआ, लेकिन इससे बीजेपी को फायदा ही हुआ. भाजपा ने राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 17 और 147 विधानसभा सीटों में से 70 पर जीत हासिल की है. वहीं, बीजद तीन लोकसभा सीटों और 58 विधानसभा सीटों पर जीती है. भाजपा ओडिशा विधानसभा चुनावों में बहुमत के करीब पहुंच गई है. राज्य में विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 74 सीटों की जरूरत होती है. यह खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भाजपा पहले कभी राज्य में सत्ता में नहीं रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यालय से अपने संबोधन में ओडिशा में जीत की जिक्र किया.
2019 के चुनावों में नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद ने 12 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को आठ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को सिर्फ एक सीट मिली थी. 2019 के ओडिशा विधानसभा चुनावों में बीजद ने 112 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को 23 सीटें मिलीं थी. कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनावों में नौ सीटें जीती थीं.
आंध्र प्रदेश में बीजेपी के बल्ले-बल्ले
इसी तरह सेआंध्र प्रदेश ने एनडीए [राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को असाधारण जनादेश दिया है. आंध्र प्रदेश में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और पवन कल्याण की जनसेना एनडीए का हिस्सा थीं. टीडीपी और उसके सहयोगी आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) को बाहर कर दिया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, टीडीपी 134 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. जनसेना पार्टी को 21 सीटें और भाजपा को आठ सीटें मिली हैं.
इन राज्यों में बीजेपी को हुआ नुकसान
बीजेपी को जिन राज्यों से सबसे ज्यादा उम्मीद थी. उन राज्यों में बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा. राजस्थान, महाराष्ट्र, यूपी और पश्चिम बंगाल में बीजेपी को आशातीत सफलता नहीं मिली. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी बीजेपी पर भारी पड़ी. राज्य में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन वहां आशा कर ही थी कि उसकी सीटों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन यह संख्या बढ़ने की जगह कम हो गई. बीजेपी को 12 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है. बीजेपी के आला नेता दिलीप घोष और निशीथ प्रमाणिक को पराजय का सामना करना पड़ा. केंद्रीय राज्य मंत्री सुभाष सरकार भी बांकुड़ा से पराजित हुए.
उम्मीद पर खरा नहीं उतरा उत्तर प्रदेश
2014 में, जब बीजेपी 282 सीटों के साथ भारी बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में आई थी, तब उसने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें जीती थीं। पांच साल बाद, पार्टी ने 303 सीटें हासिल कीं थी. लेकिन इस बार यूपी में उसे 33 सीटों से संतोष करना पड़ा. आरएलडी को दो सीट मिली हैं. समाजवादी पार्टी को 37 सीटें मिली हैं. 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की अगुआई वाली समाजवादी पार्टी ने मायावती की बीएसपी और जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था. एसपी ने 5 सीटें जीतीं, जबकि बीएसपी 10 सीटें हासिल करने में सफल रही थी. हालांकि, इस बार बीएसपी राज्य में कोई भी सीट जीतने में विफल रही. दूसरी ओर, कांग्रेस ने 2019 में सिर्फ़ 1 सीट की तुलना में 7 सीटें जीतकर अपनी स्थिति में सुधार किया है.
महाराष्ट्र में भी लगा झटका
अखिलेश यादव, जो भारतीय जनता पार्टी को 40 सीटों से कम पर रोकने में कामयाब रहे, ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर जोरदार प्रचार किया. इसी तरह से राजस्थान में बीजेपी गठबंधन को 25 सीटें मिली थी, लेकिन इस बार वहां बीजेपी को 14 सीटें मिली हैं. इसी तरह से महाराष्ट्र में बीजेपी को नुकसान का सामना करना पड़ा है. महाराष्ट्र में बीजेपी को 10, उद्धव ठाकरे शिव सेना को 9 और शिव सेना शिंदे को 7 सात सीटें मिली हैं. यहां भी बीजेपी को नुकसान हुआ है.