रतलाम, 22जुलाई (खबरबाबा.काम)। सेजावता-बंजली बायपास फोरलेन निर्माण के मुआवजा को लेकर किसानों ने आज विरोध जताया। किसानों ने सड़क पर खड़े रहकर प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि किसानों को जमीनों का मुआवजा दिए बगैर निर्माण कार्य 50 फीसद से अधिक हो गया है। कुछ किसानों का आरोप है कि भू-अर्जन की कार्रवाई बगैर रातो रात उनके जमीन पर मोरम डाल दी गई है
कुछ किसानों का कहना है कि जमीन पर जबरदस्ती निर्माण एजेंसी ने मुरम डालकर सडक निर्माण किया जा रहा है।सोमवार को किसानो ने जबरदस्ती कब्जा करने के खिलाफ विरोध जताया।
सोमवार दोपहर 12.15 बजे निमार्णाधीन सेजावता-बंजली फोरलेन पर एक दर्जन से अधिक किसानों की कृषि भूमि पर मुरम डालने को लेकर किसान एकजुट हो गए। जिला पंचायत सदस्य एवं किसान नेता डीपी धाकड़ के नेतृत्व में मौके पर किसानों ने लोकनिर्माण विभाग एसडीओ पीके राय को जमकर नाराजी जताई। किसान नेता धाकड़ ने एसडीओ राय से कहा कि भू-अर्जन की कार्रवाई बगैर आप कैसे किसी भी किसान की जमीन पर सडक बना सकते हैं। किसान नेता धाकड़ ने प्रदेश सरकार और लोकनिर्माण विभाग पर किसानों की जबरदस्ती जमीन हथियानें का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी कह रहे हैं कि हमने किसानों से सहमती ली है, लेकिन मेरी आपत्ति है। किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है। लोकनिर्माण विभाग को राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार नपती करवाना चाहिए। अगर किसानों के हिस्से में उक्त जमीन नहीं है तो किसान इसका विरोध नहीं करेंगे और न ही मुआवजा लेंगे।
किसान मदनलाल धाकड़ ने बताया कि उनकी कृषि भूमि में करीब 15 फीट चौड़ी और 60 फीट लंबाई की भूमि पर जबरन मंगलवार रात निर्माण एजेंसी और अधिकारियों ने कब्जा कर लिया है।
कलेक्ट्रेट में जाकर एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा
किसानों की मांग है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाता है, निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रुकवाया जाए। सेजावता-बंजली निमार्णाधीन फोरलेन पर आक्रोश जताने के बाद किसानों ने कलेक्ट्रेट में जाकर एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों कहा एसडीएम को अवगत करवाया है कि लोकनिर्माण विभाग सेजावता-बंजली फोरलेन निर्माण नियम विपरित काम करवा रहा है। सैकड़ों किसानों व व्यवसायियों की भूमि पर जबरदस्ती कब्जा कर निर्माण किया जा रहा है। नियमानुसार पूर्व में नपती के दौरान किसान और व्यवसायियों से जमीन अधिग्रहण की अनुमति ली जाती है और उसके बाद मुआवजा देने के बाद निर्माण किया जाता है।
इनका कहना है
सेजावता- बायपास पर कुछ किसान गलत तरीके से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जो विरोध कर रहे हैं उन किसानों की कृषि भूमि फोरलेन निर्माण में नहीं ली गई है। जिन किसानों की जमीन फोरलेन निर्माण में आई है उनके मुआवजा पत्रक तैयार हो चुके हैं।
– पीके राय,एसडीओ-लोकनिर्माण विभाग