रतलाम,18जुलाई(खबरबाबा.काम)। भाजपा नेता एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने प्रदेश में आज से शुरू हुए राजस्व महाअभियान का आमजन से अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है।
प्रेस बयान जारी कर पूर्व महापौर श्री डागा ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश अनुसार राजस्व महाभियान 2.0 का शुभारंभ गुरुवार से हो गया है। 31 अगस्त तक चलने वाले अभियान में राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों और आम जनता की सुविधा के अनुसार समयसीमा में प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
इस महाअभियान में अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण 30 दिन में और विवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण 150 दिन में किया जाएगा। बंटवारा प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा 90 दिन तय है और सीमांकन प्रकरणों को 45 दिन में निराकृत करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं। इसके साथ ही नक्शे में तरमीम का कार्य भी सतत जारी रहेगा।
नामांतरण के 75 हजार प्रकरण निपटाने का लक्ष्य
राजस्व महाभियान 2.0 में 30 जून 2024 की स्थिति में लंबित नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती और सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है। इनमें नामांतरण के 75 हजार 964, बंटवारा के 9 हजार 897, अभिलेख दुरुस्ती के 9 हजार 889 और सीमांकन के 25 हजार 423 प्रकरण शामिल हैं। इसके साथ ही 30 जून 2024 की स्थिति में एक करोड़ 95 लाख 45 हजार नक्शे पर तरमीम के लंबित मामलों को भी दर्ज किया जाएगा।
डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण भी होगा
अभियान के अंतर्गत एक अगस्त से 15 सितंबर 2024 तक फसल डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण किया जाएगा। किसानों के खेत पर जाकर फसल का फोटो खींचकर जानकारी अद्यतन करने के लिए युवाओं का चयन किया जाएगा। युवाओं का चयन कर उनको 25 जुलाई तक प्रशिक्षित किया जाएगा।
राजस्व महा अभियान में आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज करने और पूर्व आदेशों का खसरों और नक्शे में अमल सुनिश्चित किया जाएगा। राजस्व महा अभियान में नि:शुल्क समग्र ईकेवायसी और समग्र से खसरे की लिंकिंग की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही स्वामित्व योजना में आबादी भूमि के सर्वेक्षण की कार्रवाई पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
राजस्व अधिकारी करेंगे मैदानी क्षेत्र का दौरा
राजस्व महाभियान में संभागायुक्त, कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार मैदानी क्षेत्र का भ्रमण करेंगे और राजस्व महाभियान में की जा रही कार्रवाई की निगरानी करेंगे।
अधिक से अधिक लाभ ले जनता
पूर्व महापुर शैलेंद्र डागा ने कहा कि आमजन इस महा अभियान का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
राजस्व महाअभियान में होने वाले कार्य
राजस्व सम्बन्धी सभी प्रकरण जो अभी न्यायालय में ऑफलाइन प्रचलित हैं, अथवा किसी कारण से नम्बर से उत्तर गए हैं वे रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (RCMS) पर दर्ज होंगे।
नामांतरण, बंटवारे के पारित आदेशों को 31 जुलाई 2024 तक ऑनलाइन अभिलेखों में दर्ज किया जायेगा।
30 जून, 2024 की स्थिति में समय-सीमा पार कर चुके लम्बित प्रकरणों को चिह्नित कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण।
लंबित नामांतरण प्रकरणों (विवादित/अविवादित) का निराकरण एवं उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को भी दर्ज कर निराकरण।
लंबित बंटवारा प्रकरणों का निराकरण एवं 06 माह की अवधि के लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धीकरण के प्रकरणों का निराकरण।
खसरे में बटांकन होना परंतु नक्शे में बटांकन नहीं होने के प्रकरणों में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार।
खसरा नंबर का एक से अधिक बार होने के प्रकरणों का पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा निराकरण।
नक्शे में बटांकन होना एवं खसरे में नहीं होना ऐसे मामलों का भूलेख पोर्टल पर बहुल नक्शा बटांकन (Village Map Correction) मॉड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा निराकरण।
समग्र वेब पोर्टल, MPONLINE/CSC कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की e-KYC कराने की सुविधा नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध रहेगी।
पीएम किसान योजना से छूटे हुए पात्र किसानों को योजना में जोड़ा जायेगा एवं अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पीएमकिसान पोर्टल पर अद्यतन की जायेगी।
स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर अधिकार अभिलेख का वितरण समारोहपूर्वक सुनिश्चित किया जायेगा।
प्रत्येक किसान की फार्मर आईडी तैयार की जायेगी।
खरीफ-24 में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जायेगा।
पटवारी डायरी का मैनुअल के स्थान पर डिजिटल संधारण किया जायेगा, जिसमें वास्तविक लोकेशन पर उपस्थिति दर्ज होने से कार्य पारदर्शिता से होंगे।
विभाजित प्लाट की समस्या का निराकरण करने की भी मांग
पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर विभाजित प्लाटों की समस्या का भी शीघ्र निराकरण करने की मांग की है। श्री डागा ने कहा कि रतलाम सहित प्रदेश में हजारों परिवार विभाजित प्लाटो के नियम के चलते नामांतरण ,लीज वृद्धि और निर्माण अनुमति नहीं होने से परेशान है।