अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों का फ्रॉड करने वाले एनाकु पेमे और मर्सी पेमे को रतलाम पुलिस ने बनाया मुख्य आरोपी
रतलाम ,2अगस्त(खबरबाबा.काम)। MTFE क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड में रतलाम पुलिस को 1 वर्ष की मेहनत के बाद बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस रतलाम सहित आसपास के 5 जिलों के पीड़ितों के 44 लाख वापस भारत लाने में सफल हुई है। इस पूरे फ्रॉड के मुख्य आरोपियों तक भी पुलिस पहुंच चुकी है। उन्हें आरोपी बनाकर अब रतलाम पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किया जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि लगभग 1 वर्ष पूर्व रतलाम एसपी राहुल लोढा द्वारा MTFE क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड का पर्दाफाश किया गया था।24 अगस्त 2023 को जावरा के सलीम पिता काले खां ने मोहम्मद फैज, आजम खान, हुजैफा जमाली, आलोक पाल एवं कुछ अन्य लोगों पर 20 लाख 70 हजार की ठगी करने का अपराध पंजीबद्ध कराया था। इसी तरह रतलाम स्टेशन रोड थाने पर अशरफ अली ने गोविंद सिंह और संदीप टांक के खिलाफ 26 लाख से अधिक की ठगी करने का अपराध पंजीकृत कराया था। फरियादी ने बताया था कि आरोपियों ने MTFE एप के माध्यम से निवेश कर असाधारण उच्च रिटर्न का वादा करके उन्हें फसाया था। आरोपियों ने फरियादियों को क्रिप्टोकरेंसी जमा पर 30 प्रतिशत से अधिक की मासिक रिटर्न देने का वादा किया था। जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि MTFE कंपनी द्वारा इस स्कीम से ठगी कर कई लोगों की लाखों रुपए की जमा पूंजी उड़ा ली है।
एसपी राहुल लोढा के प्रयासों से मिली सफलता
एसपी राहुल लोढा ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी अभिनव वारंगे एवं जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मो को टीम गठित कर पूरे मामले की जांच एवं कार्रवाई के निर्देश दिए।
रतलाम जिले से डेढ़ करोड़ के लगभग की ठगी
एसपी राहुल लोढा के निर्देश पर जब पुलिस ने इस टेक्निकल मामले की जांच शुरू की तो एक के बाद एक कई परते खुलती गई और इंटरनेशनल फ्रॉड का मामला सामने आया। 1 वर्ष पूर्व पुलिस ने इस मामले में रतलाम से हुजैफा जमाली और गोविंद सिंह चंद्रावत सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की, तो फ्रॉड के तार देश के दूसरे हिस्से एवं विदेश तक जुड़े मिले। पुलिस ने दूसरे प्रदेश से योगानंद बमोरे नामक व्यक्ति को भी इस फ्राड के मामले में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने जिन लोगों ने MTFE के माध्यम से अपने पैसे इन्वेस्ट किए हैं, उनसे क्यूआर कोड उपलब्ध कराने की अपील की। पुलिस को रतलाम एवं आसपास के जिलों से कुल 266 पीड़ितों ने क्यूआर कोड उपलब्ध कराया। इन लोगों से लगभग 1 करोड़ 43 लाख रुपए की ठगी एमटीएफई द्वारा करना पाई गई।
1 साल से लगातार चल रही थी मेहनत
गुरुवार को एसपी राहुल लोढा ने पुलिस कंट्रोल रूम पर इस मामले में एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस को मिली सफलता का उल्लेख किया। इस दौरान एएसपी राकेश खाखा एवं सीएसपी अभिनव वारंगे भी मौजूद रहे।
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि पिछले दिनों गिरफ्तार योगानंद बामोरे से पूछताछ में जानकारी मिली कि बाईनेंस, हुआबी, टीआरसी20,ऑक्स,बायबिट,मेक्स,सनक्रिप्टो आदि क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज प्लेटफार्म का उपयोग कर एमटीएफू द्वारा इस पूरे फ्रॉड को अंजाम दिया गया है।
इसके बाद रतलाम पुलिस ने विभिन्न माध्यम और ओपन सोर्स से जानकारी प्राप्त कर लगभग 10 लाख 48 हजार टीआरसी 20 के एड्रेस प्राप्त किए गए। जिसमें MTFE क्यूआर कोर्ट द्वारा बड़ी मात्रा में रुपए का लेनदेन अलग-अलग देशों से किया जाना पाया गया। रतलाम पुलिस द्वारा जांच में सामने आया कि भारत सहित श्रीलंका, बांग्लादेश, सिंगापुर, पाकिस्तान एवं नाइजीरिया में भी इस प्रकार का फ्रॉड MTFE द्वारा किया गया है। पुलिस के अनुसार टीआरसी 20 से कंरेसी को कन्वर्ट करने के लिए लगभग 56 काउंटर पार्टी एक्सचेंज का उपयोग किया गया।
कंपनी से गूगल मीट एवं मेल के माध्यम से रतलाम पुलिस का संपर्क
रतलाम एसपी राहुल लोढा ने बताया कि MTFE द्वारा अधिकतर एक्सचेंज बाइनेंस कंपनी के माध्यम से किया गया। इसके बाद एसपी राहुल लोढा सहित रतलाम पुलिस एवं साइबर सेल ने बाइनेंस कंपनी से गूगल मीट एवं मेल के जरिए संपर्क साधा।
भारत से 40 करोड रुपए का ट्रांजैक्शन
रतलाम पुलिस ने लगातार मेहनत कर पीड़ितों के रुपए जिस मुख्य खाते में गए हैं उसे चिन्हित किया गया। जानकारी सामने आई कि भारत से ठगी गई राशि का लगभग 40 करोड रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। बाइनेंस कंपनी से रतलाम पुलिस ने जब संपर्क साधा तो पता चला कि अकाउंट एनाकु पेमे के नाम से रजिस्टर्ड है। उपरोक्त बैलेंस के खाते को भारत के अतिरिक्त सिंगापुर मलेशिया से अलग-अलग डिवाइस पर रजिस्टर्ड कर खाते का उपयोग किया गया। बाइनेंस के खाते पर भारत के साथ ही मलेशिया के मोबाइल नंबर भी रजिस्टर्ड होना पाए गए।
44 लाख रुपए भारत लाए गए
इस मामले में रतलाम एसपी राहुल लोढा सहित रतलाम पुलिस की लगातार मेहनत के बाद बड़ी सफलता भी मिली है। रतलाम पुलिस ने मुख्य अकाउंट से कनेक्ट फाइनेंस के लगभग 41 खातों का पता किया। यह खाते रतलाम सहित मंदसौर,धार, नीमच, उज्जैन और राजस्थान के प्रतापगढ़ जिलों के उन पीड़ित व्यक्तियों के थे जिन्होंने अपना पैसा इसमें लगाया था।इसके बाद रतलाम पुलिस ने न्यायालय से इन खातों को फ्रीज करवाने का आदेश करवाया। इन खातों में लगभग 44 लाख रुपए की राशि जमा थी। इन्हें वापस भारत लाने के लिए रतलाम पुलिस ने राजस्व अधिकारी के नाम से वर्चुअल पासवर्ड बनवाया, इसके बाद बायनेंस कंपनी द्वारा 108 क्रिप्टो करेंसी के रूप में लगभग 44 लाख रुपए की राशि शासकीय खातों में रिफंड की गई। स्थानीय स्तर पर प्रयास कर विदेश से पुन: पैसे लाने का अपने आप में यह अकेला मामला है।
मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करेगी पुलिस
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि 1 वर्ष की जांच के बाद सामने आया कि इस पूरे फ्रॉड के मुख्य आरोपी एनाकु पेमे और मर्सी पेमे नाम के व्यक्ति हैं। दोनों मणिपुर में रहने वाले बताए जा रहे हैं। रतलाम पुलिस अब इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले में और खुलासे कर सकती है। पुलिस को आशंका है कि इस मामले में अन्य देशों के आरोपी भी जुड़े हो सकते हैं।
आमजान कैसे हुआ ठगी का शिकार
MTFE के नेटवर्क से जुड़े अपराधी (प्रमोटर्स) आम आदमी क्रिप्टो करेंसी में निवेश और भारी रिटर्न का प्रलोभन देते हैं। भरोसा दिलाने के लिए अपने अथवा एक-दो अन्य लोगों के निवेश को बढ़ते हुए दर्शाने वाले फर्जी वीडियो भी दिखाते हैं। इससे व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है।
प्रमोटर व्यक्ति को MTFE का एप डाउनलोड करवाता है और उसके माध्यम से ऑनलाइन निवेश के लिए प्रेरित करता है। इससे आम आदमी निवेश की प्रक्रिया शुरू करता है और TRC-20 नेटवर्क (धोखाधड़ी के लिए डार्कवेब के माध्यम से संचालित एक नेटवर्क) के एक एकाउंट में ट्रांजेक्शन करता है। ऐसा करने के दौरान एआई मोड सक्रिय हो जाता जिससे सारे एक्सेस दूसरे पक्ष को मिल जाता है। इससे चंद सेकंड में उसकी राशि नेटवर्क के ही अन्य एकाउंट (MTFE) में पहुंच जाती है।
TRC-20 नेटवर्क के दूसरे एकाउंट में निवेश होते ही उसे डॉलर में बदलकर क्रिकप्टो करेंसी एक्सचेंज करने वाले प्लेटफॉर्म Binance, Huobl, Oick आदि तक क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए पहुंचा दिया जाता है। ये लीगल प्लेटफॉर्म क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज की तरह क्रिप्टो करेंसी बेचने और खरीदने का काम करते हैं।
क्रिप्टो करेंसी में निवेश हुए आम आदमी के रुपए के इस प्रक्रिया से गुजरने के दौरान केवाईजी जैसी अनिवार्यता खत्म हो जाती है। इसके बाद MTFE नेटवर्क से जुड़े लोग क्रिप्टो करेंसी को पुनः डॉलर में बदल कर नेटवर्क की ही हिस्सेदार फर्जी कंपनी में पहुंचा दिया जाता है।
Kalin कंपनी से उक्त निवेश सीधे फ्रॉड करने वाले के एकाउंट में और उसके बाद फ्रॉड करने वाले के पास पहुंच जाता है। इधर, निवेश करने वाला आम आदमी अपने निवेश के बढ़ने और ज्यादा रिटर्न की आस लगाए बैठा रहता है।
विशेष भूमिका – उनि अमितशर्मा प्रभारी सायबर सेल, आरक्षक 218 विपुल भावसार, आरक्षक राहुल पाटीदार की विशेष भूमिका रही।
सराहनीय भूमिका – निरीक्षक प्रकाश गडरिया तात्कालिन थाना प्रभारी औ.क्षे. जावरा, निरीक्षक मुनेन्द्र गौतम थाना प्रभारी औक्षे जावरा, निरीक्षक दिनेश कुमार भोजक थाना प्रभारी स्टेशन रोड़, उनि राकेश मेहरा, प्रआर राहुल जाटा थाना नामली, आर 25 अभिषेक पाठक एवं सायबर सेल रतलाम से प्रआर मनमोहनशर्मा, प्रआर हिम्मत सिंह गोड, प्रआर लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, आर मयंक व्यास, आर तुषार सिसौदिया की सराहनीय भूमिका रही।