रतलाम,5अगस्त(खबरबाबा.काम)। जिले के ऐतिहासिक और प्राचीन स्थल सिपावरा को कलेक्टर राजेश बाथम की पहल पर धार्मिक पर्यटन कैंद्र बनाने की तैयारी की जा रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले सिंहस्थ के पूर्व रतलाम जिले का यह ऐतिहासिक स्थान प्रदेश और देश के नक्शे पर अपनी अलग पहचान बनाकर उभरेगा।
जिले के आलोट के पास सिपावरा गांव स्थित है। गांव में दो नदियों चंबल और शिप्रा का संगम स्थल है और तट पर प्राचीन मान्यतावाला ऐतिहासिक दीपकेश्वर महादेव मंदिर मौजूद हैं। आलोट के मोरिया पंचायत के गांव सिपावरा को अब पर्यटक कैन्द्र बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कलेक्टर राजेश बाथम ने विशेष प्रयास शुरू कर हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से पूरी योजना भी तैयार करवाई है।
सिपावरा पहुंचे कलेक्टर श्री बाथम ने कहा था-इस जगह को पर्यटन की सूची में शामिल होना चाहिए
इसी वर्ष 16 जून को आलोट के सिपावरा में जल गंगा मिशन का समापन कार्यक्रम आयोजित किया था। जहां क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधि और रतलाम कलेक्टर राजेश कुमार बाथम भी पहुंचे थे। कलेक्टर ने पूरे स्थान को देखकर मंच से कहा था कि यह सुंदर स्थान है, इसे मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थल की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
कलेक्टर ने की पहल और भोपाल-रतलाम के हाउसिंग बोर्ड अधिकारी मौके पर पहुंचे
कलेक्टर राजेश बाथम की पहल के बाद सिपावरा स्थित संगम स्थल का निरीक्षण करने के लिए भोपाल से आर्किटेक्ट पीयूष जोशी, रतलाम हाउसिंग एसडीओ विजय सिसोदिया सहित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पिछले दिनों मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान अधिकारियों ने यह देखा था कि इस स्थल को किस तरह से विकसित किया जा सकता है।
23 करोड़ की योजना तैयार
कलेक्टर राजेश कुमार बाथम ने खबरबाबा.काम को बताया कि हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से सिपावरा को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 23 करोड़ की लागत से योजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हाउसिंग बोर्ड को ओवरऑल लैंडस्कैपिंग करने के निर्देश दिए थे, जिसमें एप्रोच रोड, घाट, सोलर पैनल रेस्ट हाउस, बाउंड्री वॉल सहित अन्य निर्माण होना है। इसके अलावा यहां बड़ा वाच टावर, रुकने के लिए सर्व सुविधा युक्त स्थान, पार्किंग, फूड जोन आदि का भी ध्यान रखा गया है। यदि सब कुछ सही रहा तो उज्जैन सिंहस्थ के पूर्व रतलाम जिले के सिपावरा का कायाकल्प हो जाएगा। कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा इस संबंध में पूरा प्रस्ताव तैयार कर संभाग आयुक्त को भेजा गया है।
सिपावरा के बारे में जानिए
शिप्रा और चम्बल का संगम स्थल शिपावरा या सिपावरा के नाम से सुप्रसिद्ध है, जो सीतामऊ (जिला-मन्दसौर) और आलोट (जिला-रतलाम) के मध्य में है। वहाँ पहुँचकर शिप्रा और चम्बल का संगम देखने लायक है। वहीं इसके एक तट पर राजस्थान जिले के झालावाड़ जिले की सीमा भी शुरू होती है।
रतलाम जिले की आलोट तहसील के अर्न्तगत सिपावरा ग्राम से करीब आधा किमी दूर शिप्रा एवं चम्बल नदी का संगम है। यह स्थान सिपावरा के नाम से भी जाना जाता है। पहले यह गाँव संगम के समीप स्थित था, जिसके साक्ष्य विपुल पुरासामग्री से युक्त विशाल टीले से मिलते हैं। शिपावरा में प्रागैतिहासिक काल से लेकर परमार और मराठा काल तक की पुरा-सम्पदा के महत्त्वपूर्ण प्रमाण उपलब्ध हैं, जो इस सुरम्य प्राकृतिक-धार्मिक स्थान की युग-युगांतर में व्याप्त महिमाशाली स्थिति को प्रतिबिम्बित करते हैं।
रतलाम जिले के आलोट में सिपावरा संगम स्थल पर जो शिव मंदिर है, वह भी प्राचीन है। यह मंदिर परमार कालीन राजाभोज के साम्राज्यकाल में भूमि शैली से बना है। रतलाम जिले का यह स्थान पुरातनकालीन दृष्टि से सभी काफी महत्वपूर्ण है।
खबरबाबा.काम की टीम भी पूर्व में इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा कर चुकी है।
फोटो में देखिए-किस तरह विकसित करने की योजना