नई दिल्ली, 29मार्च2020/भारत में कोरोना वायरस के कारण अब तक 1,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मृतकों की संख्या 19 हो गई है। वायरस के खिलाफ जंग लड़ने में सभी अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इसी बीच एक भारतीय महिला वैज्ञानिक मीनल दखावे भोसले ने मात्र 1200 रुपये में एक टेस्टिंग किट तैयार की है जो विदेशी किट की तुलना में काफी सस्ती है। इसके जरिए संदिग्धों का बहुत जल्द पता चल जाएगा। सोमवार को इसकी पहली खेप बाजार में भी उपलब्ध हो जाएगी। मीनल ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में किट तैयार करने की पूरी कहानी बताई।
1200 रुपये में तैयार हुई टेस्टिंग किट
बाजार में इस समय जो विदेशी टेस्टिंग किट मौजूद हैं उसकी कीमत 4,500 रुपये है। वहीं महिला वैज्ञानिक मीनल दखावे भोसले ने जो किट तैयार की है उसकी कीमत मात्र 1200 रुपये है। उन्होंने बताया, ‘हमारी किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं।’ महिला वायरोलॉजिस्ट ने अपने बच्चे को जन्म देने से महज कुछ घंटे पहले तक लगातार काम करके भारत की पहली वर्किंग टेस्ट किट तैयार की है।
एक किट से हो सकते हैं 100 टेस्ट
पुणे की मायलैब डिस्कवरी भारत की पहली ऐसी फर्म है जिसे टेस्टिंग किट तैयार करने और उसकी बिक्री करने की अनुमति मिली है। मीनल इसी लैब में रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख वायरोलॉजिस्ट हैं। मायलैब की प्रत्येक किट से 100 सैंपलों की जांच हो सकती है। ‘हमारी किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं।’
सोमवार तक बाजार में उपलब्ध हो जाएंगी टेस्टिंग किट
कंपनी के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ. गौतम वानखेड़े ने बताया, ‘हमारी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट इस वीकएंड पर भी काम कर रही है, हम अगली खेप सोमवार को भेजेंगे।’ कंपनी का यह भी दावा है कि वह एक हफ्ते के अंदर एक लाख कोविड-19 टेस्ट किट की आपूर्ति कर देगी और जरूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट तैयार कर सकती है।
10 वैज्ञानिकों की टीम ने इस किट पर किया काम
मीनल के मुताबिक, उनकी 10 वैज्ञानिकों की टीम ने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत की। 18 मार्च को उन्होंने टेस्टिंग किट की परख के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपा। उसी शाम उन्होंने इस किट के प्रस्ताव को भारत के फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी (सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक अनुमति के लिए भेजा।
किट को अलग-अलग मापदंडों पर परखा
इस किट को परखने के लिए भेजे जाने से पहले टीम ने इस अलग-अलग मापदंडों पर कई बार जांचा परखा ताकि इसके नतीजे सटीक निकलें। मीनल भोसले बताती हैं, ‘अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी दसों टेस्ट के नतीजे एक समान होने चाहिए। हमने यह परफेक्शन हासिल कर लिया। हमारी किट परफेक्ट है।’ भारत सरकार के इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मायलैब किट को सही ठहराया है।
(साभार-अमर उजाला)
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